Ranchi : जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ज़मीन की मांग और उसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है. हर व्यक्ति की यह चाहत होती है कि छोटा ही सही, लेकिन उसके नाम पर भी एक ज़मीन का टुकड़ा हो.लोगों की इसी चाहत का फायदा दलाल किस्म के लोग उठाते हैं. अपनी खबर की दूसरी कड़ी में हम आपको बता रहे हैं कि फर्जी तरीके से ज़मीन की खरीद बिक्री करने वाले लोग किन-किन षड्यंत्रों एवं फर्ज़ी तरीकों से किसी भूमि को सही से गलत और गलत से सही बनाने का खेल खेलते हैं.
- सरकारी भूमि के फर्जी एम-फार्म लगाकर कटा लेते हैं रसीद
लैंड सेटलमेंट यानी जमींदारी उन्मूलन के बाद बहुत सी भूमि की बंदोबस्ती की गयी थी. उस वक़्त जमींदारों ने एम-फार्म के माध्यम से सरकार को सूचित किया था कि अमुक भूमि की वे बंदोबस्ती कर रहे हैं. इसके बाद बची हुई भूमि सरकार की हो गयी, लेकिन हाल के दिनों में वैसी भूमि का फर्जी एम-फार्म रिकॉर्ड रूम में गलत ढंग से इंजेक्ट कर उसकी रसीद कटा ली जाती है और जमीन की खरीद-बिक्री की जाती है.
- सर्वे नहीं होने के कारण विवादित हैं कई बड़े भूखंड
लंबे समय से जमीन का सर्वे नहीं होने के कारण भी कई भूखंड विवादों में घिर चुके हैं. पुराने दस्तावेजों के आधार पर एक पक्ष भूमि पर अपना दावा पेश करता है, तो दूसरा पक्ष यह दलील देता है कि उसने दावा करने वाले व्यक्ति के पूर्वजों से भूमि की खरीद की है.
- नाम और पता बदल कर ली जाती है सीएनटी की जमीन
सीएनटी की भूमि लेने के लिए नाम परिवर्तित करना,अपना निवास उसी इलाके में प्रदर्शित करना जहां भूमि की खरीद बिक्री हो रही है और अन्य तथ्यों को छिपाना भी इन दिनों खूब किया जा रहा है.
- ऑनलाइन खतियान, रजिस्टर-2 और रसीद में होती है छेड़छाड़
जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने, उसे ऑनलाइन अपडेट करने से लेकर एनआईसी में बैठे कुछ भ्रष्ट कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा भूमि के दस्तावेजों में ऑनलाइन छेड़छाड़ करायी जाती है. रजिस्टर-2 में छेड़छाड़, खतियान में नाम बदलने, भूमि का नेचर बदलने के अलावा रसीद में खाता नंबर और प्लॉट नंबर भी बदल दिया जाता है.
- फर्जी हुकुमनामा पर हथिया ली जाती है जमीन
रांची में शहर में सैकड़ों लोगों के पास फर्जी हुकुमनामे हैं. इन फर्जी हुकुमनामों के आधार पर दलाल और जमीन कारोबारी भूखंड पर स्वामित्व का दावा कर उसे बेच देते हैं या विवादित बना देते हैं.