Chulbul
Ranchi. झारखंड सहित देश के किसी भी राज्य में गाड़ियों के नंबर प्लेट पर आपने I और O नहीं देखा होगा. इसका कारण यह है कि गाडियों में इंग्लिश के अल्फाबेट के साथ ही नंबर जोड़े जाते है.
इसे भी पढ़ें –पर्यटन को बढ़ाने के लिए विष्टाडम कोच चलाने की मांग, सांसद सेठ ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन से की मुलाकात
गाड़ी पहचाने में होगी परेशानी
इंग्लिश के अल्फाबेट I और O दो ऐसे अल्फाबेट है जो कि नंबर के 1 और 0 जैसा दिखाई देता है. इसमें अगर एक ही नंबर प्लेट पर I और 1 रहे तो दूसरों के साथ ही खुद भी अपनी नंबर पहचानने और याद करने में परेशानी होगी. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति नहीं जान पाएगा कि नंबर है या अल्फाबेट.
इसे भी पढ़ें –धनबाद : गोलकडीह एरिया 9 के वर्कशॉप के पास भीषण आग
गाड़ी के मालिक का पता लगाना होगा मुश्किल
ऐसे में अगर कभी गाड़ी से कोई सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. अगर उस गाड़ी में I और 1 दोनों हो तो उस गाड़ी और व्यक्ति का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए भारत में I और O, ये दो अल्फाबेट को गाड़ियों के नंबर प्लेट पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
इसे भी पढ़ें –कोडरमा : चाल धंसने से दबे चार लोगों के शव निकाले गए
इन अल्फाबेट से जुड़ी सीरिज को नंबर नहीं बनाया जाता
I (आई) से 1 का और O (ओ) से 0 का भ्रम होता है, इसलिए इन्हें गाड़ियों के नंबर प्लेट पर नहीं किया जाता इस्तेमाल. इसके बारे में जानकारी देते हुए रांची डीटीओ ऑफिस के अधिकारी धान सिंह पूर्ति ने बताया कि गाड़ियों के नंबर प्लेट पर कभी भी I और O नहीं होता ताकि लोगों को I से 1 का और O से 0 का भ्रम न हो. इसलिए डीटीओ भी नंबर प्लेट पर I और O का इस्तेमाल नहीं करता और इन अल्फाबेट से जुड़ी सीरिज को नंबर नहीं बनाया जाता है.
इसे भी पढ़ें –रांचीः रिम्स में कैदियों को मिल रहा था घटिया खाना, की भूख हड़ताल
जानिए कैसे होते है गाड़ियों के नंबर
वाहनों के लिए हर राज्य में अलग-अलग सीरिज के साथ नंबर निकाले जाते है. झारखंड में वाहनों का नंबर JH से शुरु होता है. इसके बाद इसमें राज्य के विभिन्न जिलों के कोड 01 से लेकर 24 तक होता है. उसके बाद इसमें इंग्लिश के अल्फाबेट A-Z और फिर AA-ZZ की सीरिज रहती है. और अंत में नंबर. हर इंग्लिश अल्फाबेट सीरिज के बाद नंबर 0001 से लेकर 9999 तक रहता है.
इसे भी पढ़ें –दीपक प्रकाश ने कहा, राज्य में सरकार नहीं सर्कस है, रिंग मास्टर है कांग्रेस, झारखंड में अघोषित आपातकाल है
परिवहन विभाग को करना पड़ता है भुगतान
आप जब भी गाड़ी लेते है तो हर नंबर का रोड टैक्स के साथ कुछ पैसों का भुगतान किया जाता है. इसके अलावा कई लोग शौक, पसंद या लक्की नंबर के अनुसार भी नंबर लेना पसंद करते है. हर खास नंबर के लिए आपको परिवहन विभाग को कुछ पैसों का भुगतान करना पड़ता है.
इसे भी पढ़ें –रांचीः तीन सीनियर IAS का ट्रांसफर, केके सोन बने स्वास्थ्य सचिव