Koderma: आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण सखी की पुन: बहाल करने की मांग को लेकर जनवरी महीने के तीसरे सप्ताह में राजभवन मार्च किया जाएगा. यह निर्णय पोषण सखी समन्वय समिति (सीटू) की बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष गायत्री पासवान ने जबकि संचालन जिला सचिव जरीना खातून ने किया. बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि पिछले दिनों कुपोषण मिटाओ अभियान के तहत झारखंड के छह जिलों चतरा, धनबाद, दुमका, गोड्डा, गिरिडीह और कोडरमा के आंगनबाड़ी केंद्रों मे 10,388 पोषण सखी कार्यरत थीं. मोदी सरकार ने केन्द्रीय फंड बंद कर दिया. एक झटके में पिछले वर्ष अप्रैल से राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इन्हें काम से हटा दिया. आज इनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बच्चो के स्कूल फीस और दवाई के लिए लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. सड़क से न्यायालय तक लगातार संघर्ष जारी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.
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बहाली नहीं हुई तो चुनाव में सिखाएंगे सबक : संजय पासवान
संजय पासवान ने कहा कि सरकार रोज रिक्तियां भरने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ दस हजार पोषण सखी दर दर भटक रही है. आज केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, रोजगार के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में झारखंड सरकार को इन हजारों पोषण सखी की तकलीफ को समझना चाहिए और इनकी पुन: बहाली पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 5 दिसम्बर को कोडरमा में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी पोषण सखियों ने नारेबाजी की थी. अपनी मांगों की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया था. साथ ही कहा कि अगर हेमंत सोरेन सरकार ने इन पोषण सखियों की पुनः बहाली नहीं की तो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में खामियाजा भुगतना पड़ेगा. बैठक में रेशमी कुमारी, पिंकी दास, शाहीना प्रवीण, पिंकी कुमारी, सिमरन देवी, निशा भारती, सुलेखा वर्मा, बेबी कुमारी, अनु कुमारी, गुड़िया देवी, उर्मिला कुमारी, अंजुम प्रवीण, अंजू देवी, प्रीति कुमारी, सरिता कुमारी आदि मौजूद थी.
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