* विधवा महिलाओं को पेंशन की स्वीकृति
* परिजनों को अनाज उपलब्ध कराया गया
* दोनों बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे 2000 रूपये
* कैंप लगाकर श्रमिकों का निबंधन करने का निर्देश
* बीमारी की चिन्ता दूर, बच्चों का बना गोल्डन कार्ड
* पूर्व में भी कई बार दिखी है उपायुक्त की संवेदनशीलता
* राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ के तहत बीस हजार का स्वीकृति पत्र सौंपा
Koderma: कोडरमा वन क्षेत्र के घटरवा में अवैध माइका माइंस का चाल दबने से 4 लोगों की मौत हो गयी थी. इन परिवारों को सरकारी लाभ देने के लिए कोडरमा डीसी मृतक के गांव पुरनाडीह और बरसोतियाबर पहुंचे. डीसी ने मृतक के परिजनों को पारिवारिक लाभ के तहत 20 हज़ार रुपये का चेक सौंपा. साथ ही अन्य सरकारी लाभ से भी जोड़ा. मृतक परिवार के एक बच्ची का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय में तो, एक बच्चे का नामांकन सामर्थ विद्यालय में डीसी ने कराया. इनके नामांकन में जिलाधिकारी ने अभिभावक की भूमिका निभाई है. डीसी ने बताया कि बच्चों की 12वीं तक शिक्षा मुफ्त होगी. वहीं 2 हज़ार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि के रूप में दी जाएगी. सभी मृतक के परिजनों को सरकारी प्रावधान के तहत लाभ दिया गया है. साथ ही पेंशन और आयुष्मान कार्ड बना दिया गया है.
एक क्लिक पर पाएं ताज़ातरीन खबरें- https://play.google.com/store/apps/details?id=in.lagatar.com.news
ढिबरा चाल धंसने से हुई थी चार लोगों की मौत
विगत 22 जनवरी को जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर देवरा के अवैध खदान धंसने से 4 लोगों की मौत हो गई थी. ये खदान घटोरवा के जंगल में है. शुरू में चॉल में दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी की मदद ली गई. लेकिन सफलता नहीं मिलने पर पोकलेन की मदद ली गई. और लंबे समय के बाद चाल से शवों को निकाला जा सका था. शव निकालने को लेकर वन विभाग एवं जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
इसे भी पढ़ें- ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की राजश्री ने छोड़ा टेलीविजन, वेब सीरीज और फिल्मों में आयेंगी नजर
मुख्यालय के पास अवैध खनन, विभाग बेखबर
जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूरी पर ही अवैध खनन का संचालन हो रहा है. और विभाग बेखबर बैठा है. वन्य प्राणी आ श्रेणी में पिछले 6 वर्षों से संचालित हो रहे हैं. उक्त ढिमरा खदान के संबंध में विभाग को जानकारी नहीं होने की बात सामने आई है. हालांकि विभागीय स्तर से जंगलों में संचालित अवैध खदानों पर निरंतर छापेमारी अभियान चलाए जाने की बात कही जाती रही है. इस खदान का एरिया भी काफी बड़ा हो चुका है. गहराई भी लगभग 30 फीट की है. जिसे जान पड़ता है कि, यहां पिछले कई वर्षों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है.
देखें वीडियो-
इसे भी पढ़ें- रांचीः सदर अस्पताल से हटाये गए सुरक्षाकर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से पुणः बहाल करने की लगायी गुहार
दुर्घटना में शिकार आस-पास के गांव के ही लोग
खदान में हुई दुर्घटना के समय फुलवरिया डुमरिया टांड बसोतिया वर के लगभग एक दर्जन लोग देवरा के अवैध उत्खनन में लगे थे. इस दौरान चाल 4 लोग उसमें दब गए. मिली जानकारी के अनुसार खदान संचालन मोहम्मद इस्लाम आस-पास के गांव के ग्रामीणों की मदद से अवैध उत्खनन करवाता था. घटना के दौरान उसके भी वहां मौजूद होने की जानकारी मिली है. तत्काल प्रयास से डुमरिया निवासी राजेश सिंह व संजय सिंह को खदान से निकाल लिया गया था. खदान में कार्यरत्त अधिकांश लोग गरीब परिवार से होते हैं. जिन्हें खनन माफिया मात्र डेढ़ से दो सौ रुपये प्रतिदिन की मजदूरी पर अवैध उत्खनन कराते हैं. जंगल में इस काम के लिए विस्फोटक का भी प्रयोग किया जाता है.
इसे भी पढ़ें- चाईबासा के टोकलो में दूसरे दिन भी पुलिस और भाकपा माओवादी के बीच मुठभेड़, सर्च अभियान जारी