Koderma: पोषण सखियों ने आज समाहरणालय के सामने आंगनबाड़ी पोषण सखी समन्वय समिति (सीटू) के बैनर तले प्रदर्शन किया. सीटू ने यह प्रदर्शन समान काम का समान वेतन और पोषण सखी को अतिरिक्त सेविका का दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर किया.
इस अवसर पर सीटू राज्य कमिटी के सदस्य संजय पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने आईसीडीएस के बजट में लगभग 30 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इससे नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों मे नर्सरी का प्रावधान होने से आंगनबाड़ी के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है. हमें सरकार की इस नीति के खिलाफ एकजुट होना होगा.
बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण सखी की बहाली हुए पांच साल हो चुके हैं. लेकिन मानदेय मे कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. अब तक इसका नियमावली भी नहीं बनाई गई है. पोषण सखी कई सुविधाओं से वंचित हैं. जो सुविधा आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को मिल रही है, वही पोषण सखी को भी मिलनी चाहिए. प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री व जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के नाम से मांगपत्र भी दिया गया.
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मानदेय बढ़ाने की मांग
सीटू ने मांगपत्र में पोषण के लिए नियमावली बनाने, तत्काल मानदेय पांच हजार करने और ड्रेस कोड लागू करने की मांग रखी है. इसके अलावा इसमें पोषण सखी का बीमा करने, वजन मशीन को ठीक करने या नई मशीन देने, गृह भ्रमण व अन्य कार्यों के लिए रजिस्टर उपलब्ध कराने और बकाया मानदेय देने की मांग भी शामिल है. प्रदर्शन में दर्जनों की संख्या में पोषण सखी शामिल थीं.
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