Koderma: झुमरीतिलैया में पोषण सखी समन्वय समिति (सीटू) की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जरीना खातून व संचालन मुन्नी दास ने किया. बैठक में ट्रेड यूनियनों के हड़ताल को समर्थन देने का निर्णय लिया गया. बता दें कि केंद्र सरकार की मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों, सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण व महंगाई के खिलाफ सीटू सहित 11 ट्रेड यूनियनों ने 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. पोषण सखियों ने इसे समर्थन देने का ऐलान किया है.
सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि यह हड़ताल मजदूर कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ देश की सार्वजनिक सम्पत्तियों रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला, एयरपोर्ट और स्टील क्षेत्र को बचाने के लिए है. जिसे निजीकरण के रास्ते केन्द्र की मोदी सरकार मेगा सेल लगाकर अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है. मजदूर कर्मचारियों के अधिकार के लिए बनी 44 श्रम कानून को समाप्त कर चार लेबर कोड में बदल दिया है. जिसके चलते भविष्य में हड़ताल करने, धरना प्रदर्शन का अधिकार और नौकरी चले जाने पर कानूनी लड़ाई लड़ने का अधिकार समाप्त हो जाएगा. साथ ही मजदूर कर्मचारियों के शोषण के लिए कार्य अवधि 8 की जगह 12 घंटे करने का प्रस्ताव है. जिसके माध्यम से मजदूरों को गुलाम बनाया जाएगा.
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आउटसोर्सिंग मजदूर होंगे शामिल
कमिटी सदस्य ने कहा कि इन्हीं मुद्दों को लेकर हम एकजुट होंगे. इसमें केंद्र व राज्य सरकार के कर्मी और असंगठित क्षेत्र के मजदूर शामिल होंगे. साथ ही योजना कर्मी, आउटसोर्सिंग व ठेका पर काम करने वाले मजदूर शामिल होंगे. पोषण सखी संघ की जिलाध्यक्ष गायत्री देवी ने कहा कि हड़ताल की मांगों को समर्थन करते हुए पोषण सखी 13 माह से बकाया मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर हिस्सा लेंगी. बैठक में जरीना खातून, गायत्री देवी, अंजुम प्रवीण, सुलेखा वर्मा, शाहिना प्रवीण, निशा भारती, मुन्नी दास, आरती देवी, सुनीता देवी, सिमरन देवी, रिंकी देवी, रजनी कुमारी, राखी सिंह, सुषमा कुमारी, भारती देवी, राखी रजक, मंजू कुमारी और ममता कुमारी मौजूद थी.
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