Ashok kumar
Jamshedpur : आदित्यपुर का रहने वाला देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास परमजीत गिरोह से जुड़ा हुआ था. परमजीत की घाघीडीह जेल में हत्या के बाद गिरोह का संचालन मनोज सरकार और टीटू शर्मा कर रहा था. 2020 में देबू दास तब अचानक से चर्चा में आ गया था, जब परमजीत गिरोह के 10 लोग अपराध की योजना बनाते 7 दिसंबर 2020 को पकड़े गये थे. तब घटना का खुलासा तत्कालीन एसपी मो. अर्शी ने किया था. फिलहाल मनोज सरकार घाघीडीह जेल में बंद है और टीटू शर्मा जमानत पर ओड़िशा में रह रहा है. देबू की हत्या की योजना कहीं जेल में ही तो नहीं बनी थी इसपर भी पुलिस जांच कर रही है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि देबू ने अपनी बाइक के पीछे किसी को भी लिफ्ट नहीं दिया था.
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देबू की रेलवे ठेकेदारी में हुई थी मनोज सरकार से पहचान
देबू दास की जान-पहचान मनोज सरकार से आदित्यपुर में रेलवे का ठेका हथियाने को लेकर हुई थी. इसके बाद से ही दोनों को साथ देखा जाने लगा था. तब देबू सुर्खियों में नहीं आया था. एक लाख का ईनामी मनोज सरकार पर वर्ष 2015 में बर्मामाइंस के रहने वाले रेलवे ठेकेदार विजय पांडेय की हत्या में नाम आया था और उसे गिरफ्तार करके दो साल बाद जेल भेजा गया था. चक्रधरपुर स्टेशन के बाहर 9 मई 2016 को रेलवे ठेकेदार बलराम सिंह की हत्या करने, ओड़िशा क्योझर में व्यवसायी पटेल महतो की हत्या करने का भी मामला दर्ज है. आमदा ओपी में रेलवे ठेकेदार से रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने, कुचाई में रंगदारी मांगने का मामला भी दर्ज है. उसके खिलाफ चक्रधरपुर, आरआइटी, आदित्यपुर, सिदगोड़ा परसुडीह, बर्मामाइंस, बागबेड़ा, जुगसलाई, नोवामुंडी डंगुवापोसी आदि थाने में कई मामले मामले दर्ज हैं. उसपर वर्ष 2018 में पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने सीसीए भी लगाया गया था.
कोई नहीं बैठा था बाइक के पीछे
जहां गुरुवार को देबू का मामा संजय दास ने पुलिस को बताया था कि दो लोगों ने बाइक पर लिफ्ट लिया था. हो सकता है उनमें से ही किसी ने गोली मारी होगी, लेकिन जांच में यह साफ हो गया है कि बाइक को रोका जरूर गया था, लेकिन देबू से लिफ्ट नहीं मांगी थी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी घटना का उद्भेदन करने में समय लगेगा. जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तबतक कुछ भी बता पाना आसान नहीं है. मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है.
सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है राज
देबू दास हत्याकांड का राज सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है. पुलिस फुटेज के आधार पर ही बता रही है कि देबू दास की बाइक को रोका जरूर गया था, लेकिन उसने किसी को बैठाया नहीं था. मामला दूसरा मोड़ लेने लगा है इस कारण से पुलिस को सफलता पाने में अभी और समय लग सकता है. हत्याकांड को लेकर खुद एसपी आनंद प्रकाश भी लगे हुये हैं. गुरुवार की रातभर पुलिस टीम ने कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी भी की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है. मामले में पुलिस आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है.
यह था मामला
देबू दास की हत्या 24 मार्च की सुबह 8.30 बजे घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर ही की गयी थी. मौके से पुलिस ने खोखा भी बरामद किया था. तब वह अपनी बाइक से अपने हाइवा में डीजल भरवाने के लिये निकला था. लौटते समय उसकी हत्या अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी. कुछ लोगों ने उसे सड़क पर तड़पता हुआ देखकर परिवार के लोगों को घटना की जानकारी दी थी. इसके बाद उसे इलाज के लिये टीएमएच में भर्ती कराया गया था. यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया था. घटना की जांच में खुद एसपी प्रकाश आनंद पहुंचे हुये थे.
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