Bermo: कार्यपालक दंडाधिकारी छबि बाला बारला ने गुरुवार को गोमिया प्रखण्ड कार्यालय में मनरेगा योजना में लाभुक की शिकायत पर संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की है. इस संबंध में लगातार डॉट इन ने 9 जून को मनरेगा योजना के तहत कुआं निर्माण करने के बाद लाभुक को मैटेरियल का पैसा नहीं मिलने की ख़बर चलाई थी. इस ख़बर के आलोक में एसडीओ अनंत कुमार ने जांच का आदेश दिया था. लिहाजा कार्यपालक दंडाधिकारी ने रोजगार सेवक, पंचायत सचिव से पूछताछ की है. मौके पर निवर्तमान मुखिया और पंसस से भी पूछताछ की है. जिसमें पंचायत प्रतिनिधि ने भी लाभुक की शिकायत को सही कहा और रोजगार सेवक द्वारा मैटीरियल का खर्च लाभुक को नहीं देने की बात कही.
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क्या था पूरा मामला ?
गोमिया प्रखण्ड के बांध पंचायत के महली बांध ग्राम निवासी रेवत लाल रजवार को विगत वर्ष 2016-17 में मनरेगा के तहत उसे कुआं निर्माण के लिए योजना मिली थी. जिसे उन्होंने 2018 में काम पूर्ण कर दिया था. इस कुआं निर्माण की लागत 3 लाख 51 हजार रूपये थी. उसके पास कुआं निर्माण के लिए अलग से कोई पूंजी नहीं था. जब कुआं निर्माण का काम शुरू हुआ उस दौरान उसे मजदूरी का पैसा मिलता गया. जिसके कारण काम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई. लेकिन काम करने के दौरान मैटेरियल उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सेवक अमर कुमार बाउरी ने उसे जाल में फंसा लिया. कहा कि मैटेरियल उसे स्वंय खरीदना होगा, और बिल बाउचर जमा करने के बाद उसे मैटेरियल का पैसा एक साथ मिल जाएगा. रेवत के पास पैसा नहीं था और समय पर कुआं निर्माण को भी पूरा करना था. इसलिए उन्होंने रोजगार सेवक की बात पर भरोसा किया और गांव की महिला समिति से 40 हजार रूपये उधार ले लिया.
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रेवत ने महिला समिति को इस बात का आश्वासन दिया कि उन्हें एक माह के अन्दर कुआं निर्माण का कार्य पूरा होते ही राशि मिल जाएगी और उसे समय पर उधार चुका दिया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. रेवत लाल रजवार प्रखण्ड के रोजगार सेवक के जाल में फंस गया था. रोजगार सेवक ने मैटेरियल का खर्च लाभुक से करवा लिया और उससे वाऊचर के कागज पर साइन भी करवा लिया. रोजगार सेवक ने कहा कि जब तक वाऊचर पर साइन नहीं करोगे, तब तक मैटेरियल का पैसा नहीं मिलेगा. इसी विश्वास पर रेवत ने रोजगार सेवक की बात मान ली. जिसका खामियाज तीन साल से वह भुगत रहा है. रेवत लाल रजवार आज भी महिला समिति को मूलधन तो वापस नही कर सका, जबकि सूद का पैसा का भुगतान कर रहा है. इन दिनों वह कथारा के एक इलेक्ट्रोनिक दुकान मे काम कर महिला समिति को सूद का पैसा भुगतान कर रहा है.
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