Jamshedpur (Ashok Kumar) : अमिताभ चौधरी जमशेदपुर में एसपी के रूप में 29 नवंबर 2000 से लेकर 17 सितंबर 2002 तक थे. 22 माह तक उन्होंने एसपी के रूप में अपना योगदान दिया था. 41वां एसपी के रूप में उन्होंने शहर में अपनी अलग पहचान बनायी थी. अमिताभ चौधरी के समय में शहर में लोको कॉलोनी का जोगा राव, कैरेज कॉलोनी दुधई यादव और बागबेड़ा इलाके का भीम माहली अपराध की दुनिया में सुर्खियों में था. जमशेदपुर में अपना योगदान देने के पहले वे रांची में एसएसपी के रूप में काम कर चुके थे. जमशेदपुर से तबादला होने के बाद 2002 में बीसीसीआई के सदस्य बने थे. इसके ठीक तीन साल के बाद ही वे झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने थे.
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खेल जगत में भी बनायी थी अलग पहचान
अमिताभ चौधरी ने खेल जगत में भी अपनी अलग पहचान बनायी थी. उनके निधन से जमशेदपुर का खेल जगत भी शोक में डूब गया है. जगह-जगह पर लोग उन्हें श्रगद्धांजलि देकर उनकी पुरानी यादों को याद कर रहे हैं.
कोई नहीं ले सकता है अमिताभ चौधरी का स्थान
सरायकेला-खरसावां जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिव श्याम कुमार शर्मा ने कहा कि अमिताभ चौधरी कुशल पुलिस प्रशासक थे. जमशेदपुर में उन्होंने अपना स्थान एक कुश पुलिस प्रशासन के रूप में बनाया था. क्रिकेट से जुड़ने के बाद उन्होंने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के लिये अच्छा काम किया. खेल को बढ़ावा दिया. राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का प्रतिनिधित्व भी किया. अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है. उन्होंने टीम प्रबंधक के रूप में झारखंड का नाम पर रौशन किया. उनका जगह कोई भी नहीं ले सकता है.
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