Ranchi : लालू यादव को जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा.चारा घोटाला मामले के दोषी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
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इस मामले में लालू ने 11 जुलाई 1997 को किया था सरेंडर
सुनवाई के दौरान लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में लालू ने 11 जुलाई 1997 को सरेंडर किया और 29 अक्टूबर 1997 को जमानत मिली. इसका मतलब 3 महीने से ज्यादा दिनों तक वह जेल में रहे. लेकिन सीबीआइ इस पर विवाद कर रही है.वहीं उन्होंने यह भी कहा कि चारा घोटाले में लालू जब जब जेल गए हैं. उनकी तरफ से प्रोडक्शन दिया गया है. इसलिए अब लालू द्वारा जितनी भी अवधि न्यायिक हिरासत में बिताई गई है उसे जोड़ा जाए.
दोनों पक्षों के द्वारा बतायी गयी अवधि में 28 दिनों का अंतर दिखा
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बिंदुवार विस्तृत जानकारी दी कि कब कब लालू जेल गए और कब कब उनके द्वारा प्रोडक्शन दिया गया.अब तक लालू ने 28 महीने 29 दिन जेल की सलाखों के पीछे बिताए हैं.वहीं सीबीआइ ने अदालत में कहा कि 1997 में लालू सिर्फ 91 दिनों तक ही जेल में रहे थे.और अब तक सिर्फ 27 महीने 6 दिन की अवधि ही लालू के द्वारा न्यायिक हिरासत में बिताई गई है. दोनों पक्षों द्वारा अदालत को बताई गई हिरासत अवधि मैं 28 दिनों का अंतर दिखा.
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19 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
अब लालू यादव की जमानत याचिका पर 19 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.झारखंड हाईकोर्ट के वकील देवर्षि मंडल और अधिवक्ता अनन्त कुमार विज अदालत के समक्ष लालू यादव की ओर से उपस्थित हुए.
दुमका कोषागार मामले में मांगी थी जमानत
दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू ने जमानत मांगी है. इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को सात साल की सजा सुनाई है.
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रिहाई के लिए अदालत से गुहार लगाई थी
स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लालू प्रसाद यादव ने जेल से जल्द रिहाई के लिए अदालत से गुहार लगाई थी. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने झारखंड हाइकोर्ट से उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अपने अधिवक्ता के माध्यम से मेशंन फ़ाइल कर अदालत से आग्रह किया था ताकि उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाये. इसके साथ ही दुमका कोषागार से जुड़े मामले की एलसीआर भी जवाब के रूप में कोर्ट में दाखिल कर दी गयी थी.
सीबीआइ ने अदालत में दायर किये गए अपने जवाब में कहा है कि लालू प्रसाद यादव जिस मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं. उस मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा मुक़र्रर सजा की आधी अवधि पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा सीबीआइ ने सीआरपीसी की धारा 427 का मामला भी अपने जवाब के उठाया है.
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दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी- सीबीआइ
इसके आधार पर सीबीआइ का कहना है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू एक दिन भी जेल में नहीं रहे है.सीबीआई ने सीआरपीसी की जिस धारा 427 का जिक्र किया है उसके तहत किसी व्यक्ति को अगर एक तरह के मामले में कई बार सजा मिली है तो निचली अदालत द्वारा अपने आदेश में यह स्पष्ट किया जाता है. कि उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जबकि सीबीआई का दावा है कि लालू प्रसाद की ओर से निचली अदालत में इस तरह कोई आदेश नहीं दिया गया है. इसी आधार पर सीबीआइ का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी है.
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