Lohardaga: झारखंड के लोहरदगा जिला में पदस्थापित भूमि संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार राम सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक कार्यों का निष्पादन नहीं कर रहे हैं. सही ढंक से कामों का निपटारा नहीं कराए जाने को लेकर विवादों में घिरे हुए रहते हैं. इधर भूमि संरक्षण पदाधिकारी के कार्यों से खफा होकर लोहरदगा जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद उरांव ने राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को एक पत्र प्रेषित कर जांच पड़ताल कर कार्रवाई करने की मांग रखी है. जिप उपाध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए आवेदन में उल्लेख करते हुए आरोप लगाया गया है कि लोहरदगा जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार राम सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री को आवेदन सौंपकर कार्यों की जांच पड़ताल कराई जाने और भूमि संरक्षण पदाधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सीएम को दिए गए आवेदन में उल्लेख किया है और कहा है कि भूमि संरक्षण पदाधिकारी सरकार के किसी भी गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं करते हैं और अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने भूमि संरक्षण पदाधिकारी पर आरोप लगाया है और कहा कि भूमि संरक्षण पदाधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. इतने भ्रष्ट पदाधिकारी हैं कि किसी पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों के आदर्शों का पालन नहीं करते हैं.
जिप उपाध्यक्ष विनोद उरांव ने आगे सीएम का ध्यानाकर्षित कराते हुए कहा है कि वर्तमान परकोलेशन टैंक 2023/024 में जिला को 129 लक्ष्य है. जिसका आवेदन लेने की तिथि 04/05/2023 से 29/05/023 थी. उसके पश्चात जिला परिषद का अनुमोदन प्राप्त करनी थी. इसके बावजूद 129 परकोलेशन टैंक के जगह 12 परकोलेशन टैंक का कार्य कराकर राशि निकासी कर ली गई. लेकिन राज्य सरकार की राज्यादेश संख्या 10 दिनांक 04/05/2023 के कंडिका 28 पर अंकित किया गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि जिला परिषद बोर्ड की अनुमोदन प्राप्त करना है. इस राज्यादेश को दरकिनार करते हुए भूमि संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार राम अपनी मर्जी चला रहे हैं. ना ही डिप बोरिंग में अनुमोदन लिया गया है. इस तरह के कार्यप्रणाली से त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि का अपमान किया जा रहा है. इससे जनता का विकास कैसे होगी एवं झारखंड राज्य व लोहरदगा जिला एवं प्रखंड पंचायत का विकास कैसे हो सकता है. जिप उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया है और कहा कि ऐसे पदाधिकारी के रहने से लोहरदगा जिला का संपूर्ण विकास की कल्पना करना मुश्किल है. वहां पूर्व से डोभा निर्माण था उसे परकोलेशन टैंक का नामकरण कर राशि का बंदरबांट किया जा रहा है. उन्होंने सीएम चम्पाई सोरेन से इस पूरे मामले को गहराई से जांच पड़ताल कराई जाने और सख्त कार्रवाई की मांग रखी है.
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