संवेदक को छह माह तक करना है मैंटनेंस : नगर प्रशासक
Ashish Tagore
Latehar: शहर के केश्वर अहरा बांध पीसीसी सड़क में दो माह में ही दरार आ गयी. तकरीबन आठ लाख रूपये की लागत से नगर पंचायत के द्वारा इस सड़क का निर्माण कराया गया है. संवेदक आफताब खुस्तर के द्वारा उक्त पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है. लेकिन मात्र दो माह में ही पीसीसी सड़क में दरार आ जाने से लोग अचंभित हैं. लोगों का कहना है कि इस पीसीसी सड़क निर्माण योजना में प्रारंभ से ही अनियमितता बरती गयी है. पीसीसी की ढलाई किये जाने के बाद सड़क में सही ढंग से क्यूरिंग नहीं की गयी और इसका नतीजा यह हुआ कि सड़क में दो महीने ही सड़क में दरार आ गयी.
आवंटन के अभाव में बंद था काम
बता दें कि साल 2022 में ही इस सड़क निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया था और यह फाइनल भी हो चुका था. संवेदक ने पीसीसी सड़क मरम्मति के लिए योजना स्थल पर बालू भी गिरा दिया था. लेकिन आवंटन के अभाव में मरम्मति कार्य शुरू नहीं हो पा रहा था. बाद में इस साल अक्टूबर में इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराया गया. पिछले 20 नवंबर को इस सड़क निर्माण की अंतिम मापी करायी गयी थी.
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सदर अस्पताल व समाहरणालय पहुंचने का शार्टकट रास्ता
बता दें कि यह पीसीसी पथ बाइपास चौक से बस स्टैंड, सदर अस्पताल, कोर्ट-कचहरी, डीसी ऑफिस और सब्जी मार्केट जाने का एक शॉर्ट-कट रास्ता है. इस पथ से हर दिन सैकड़ों छोटे वाहनों की आवाजाही होती है. लेकिन सड़क जर्जर होने के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. पब्लिक डिमांड पर इस सड़क को बनाया गया, लेकिन सड़क निर्माण की घटिया गुणवत्ता के कारण सड़क में दरार पड़ गयी.
संवेदक को करना होगा मेंटनेंस : नगर प्रशासक
नगर प्रशासक राजीव रंजन ने पूछे जाने पर शुभम संदेश को बताया कि संवेदक को इसका मेंटनेंस करना होगा. उन्होने कहा कि कम से कम छह माह तक संवेदक को मेंटनेंस करना होता है. एग्रीमेंट में इसका प्रावधान किया रहता है.
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दूसरे दिन बहाल हुई शहर में पेयजल आपूर्ति सेवा
Latehar: जिला मुख्यालय में सोमवार को दूसरे दिन पेयजल आपूर्ति सेवा बहाल हुई. बता दें कि शहर के बानपुर इलाके में पाइप लाइन लीक हो जाने के कारण रविवार की सुबह से ही शहर पेयजल आपूर्ति सेवा बाधित थी. इस दौरान आम आदमी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पेयजल के लिए लोग परेशान हो गये. खास कर उन लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिनके घरों में पेयजल का एक मात्र साधन नगर पंचायत का सप्लाई वाटर है. ऐसे लोगों को बाजार से पानी खरीद कर काम चलाना पड़ा. सप्लाई का पानी नहीं आने से महिलाओं को घरों में खाना बनाने लिए भी परेशान रहीं. नगर पंचायत के कनीय अभियंता संदीप बेदिया ने बताया कि वार्ड नंबर दो पाइप लाइन में लीक होने के कारण पेयजल आपूर्ति सेवा बाधित थी. सोमवार की शाम इसे दुरूस्त कर लिया गया है.
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पूरे शहर में पेयजल आपूर्ति ठप करना ठीक नहीं : स्थानीय
हालांकि कई लोगो का कहना है कि शहर एक वार्ड में पाइप लाइन लीक होने के कारण पूरे शहर में पेयजल की आपूर्ति बाधित करना कहीं से उचित नहीं है. जबकि हर एक मुहल्ले मे पेयजल आपूर्ति के लिए चाबियां लगायी गयी है. बता दें कि नगर विकास विभाग की कार्यकारी एजेंसी जुडको के द्वारा जिला मुख्यालय में 32 करोड़ रूपये की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्नवयन किया गया है. प्रारंभ से ही यह योजना विवादों में रही है. यहां तक कि नगर पंचायत के तत्कालीन वार्ड पार्षदों ने इस योजना में व्यापक अनियमितता बरते जाने की शिकायत की थी. तब रांची से एक जांच टीम आ कर यहां इस योजना की जांच की. जांच टीम ने उस समय पाइप लाइन बिछाने में काफी अनियमितता पायी थी. जांच टीम को पाइप कहीं एक फीट तो कहीं सड़क के उपर ही मिल गया था.