Ashish Tagore
Latehar : ब्रिटिश हुकूमत में शुरू हुआ बरवाडीह-चिरीमिरी रेल प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद एक बार फिर बंधी है. सांसद सुनील सिंह ने कहा कि इस रेल प्रोजेक्ट के फाइनल लोकेशन सर्वे की अनुमति मिली है. शीघ्र ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. सांसद लातेहार में अमृत रेलवे स्टेशन के शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. बता दें कि इस रेल प्रोजेक्ट के लिए बजट-2023 में प्रावधान किया गया है. पिछले महीने सर्वे का काम भी शुरू किया गया था. लेकिन अब फाइनल लोकेशन सर्वे की अनुमति मिलने से प्रोजेक्ट पूरा होने की आस बढ़ी है.
ब्रिटिश हुकुमत के दौरान शुरू हुई थी परियोजना
बता दें कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध वर्ष 1942 में बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन परियोजना की शुरूआत हुई थी. चिरीमिरी से विश्रामपुर 129 किलोमीटर रेलखंड वर्ष 1962 से परिचालन में है. विश्रामपुर से अंबिकापुर तक 19 किलोमीटर रेल लाइन पूरी कर ली गयी है. वहीं अंबिकापुर से बरवाडीह तक 182 किलोमीटर की रेल लाइन को पूरा करना है.
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रेल मंत्रालय ने इसे अव्यवहारिक व लाभप्रद नहीं माना था
रेलवे मंत्रालय ने बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन को अव्यवहारिक एवं अलाभप्रद मान कर इसके निर्माण को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. वर्ष 2011-12 में तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी ने लोकसभा में अंबिकापुर से बरवाडीह तक 182 किलोमीटर अधूरी पड़ी इस परियोजना को पूरा कराने की मांग की थी.
राज्य सरकार को रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन नि:शुल्क देनी होगी
इंदर सिंह नामधारी की मांग के बाद योजना आयोग (नीति आयोग) ने इस परियोजना की सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी. हालांकि इसके लिए योजना आयोग ने दो शर्तें रखी थीं. पहला शर्त था कि राज्य सरकार को रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन नि:शुल्क देनी होगी और दूसरी शर्त थी कि निर्माण पीपीपी मोड के तहत सीसीएल एवं अन्य कंपनियों के सहयोग से ज्वायंट वेंचर के रुप में कराया जायेगा. योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने इसकी जानकारी तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी को अपने पत्रांक डीओ नंबर 7/46/2012-टीपीटी/डीसीएच/11/12/सीडी-521 के माध्यम से दी थी. लेकिन उसके बाद बरवाडीह-चिरीमिरी रेल लाइन निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं की जा सकी. हाल के कुछ वर्षों में चतरा सांसद सुनील सिंह व पलामू सांसद बीडी राम ने इस रेल प्रोजेक्ट को पूरा कराने की मांग सदन में उठाई थी.
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कोलकाता से मुबंई की दूरी 400 किलोमीटर कम हो जायेगी
प्रस्तावित रेललाइन का काम पूरा होने से कोलकाता व मुबईं की दूरी कम से कम 400 किलोमीटर कम हो जायेगी. बरवाडीह से सभी रूट की ट्रेनें है. अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन लाइन के विस्तार से छत्तीसगढ़ और झारखंड का जनजातीय बहुल क्षेत्र सीधे मुंबई-हावड़ा से जुड़ जाएगा.