Latehar : जिले के महुआडांड़ में पत्थलगड़ी की तर्ज पर एक आंदोलन तुल पकड़ रहा है. पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में प्रवेश वर्जित करने को लेकर विभिन्न जगहों में लगाये गए बोर्ड को प्रशासन के द्वारा हटा दिये के बाद आदिवासी संगठन छेछारी परगना के सदस्यों में रोष में नजर आ रहे है. दूसरे दिन सोमवार को भी छेछारी परगना के सदस्यों ने महुआडांड अनुमंडल कार्यालय एवं प्रखंड सह अंचल कार्यालय, कृषि तकनिकी केंद्र भवन एवं जेएसपीएल कार्यालयों में तालाबंदी कर विवादित बोर्ड को पुन: उसी जगह लगाने की मांग करते हुए धरना में बैठ गये. संगठन के बेल मरयानुस कुजूर ने कहा कि अब ताला तभी खुलेगा जब प्रशासन उखाड़े गए बोर्ड को उसी स्थान पर लगायेगा. इससे पहले आदिवासी संगठन छेछारी परगना के 30 से 40 सदस्य दिन के 12 बजे जूलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए अनुमंडल कार्यालय पहुंचे. उस समय कार्यालय के सभागार में एसडीएम नीत निखिल सुरीन वीडिओ कांफ्रेसिंग कर रहे थे. संगठन के सदस्यों ने एसडीएम को बाहर निकाल कर अनुमंडल कार्यालय में ताला जड़ दिया.
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तालाबंदी के कारण लौट गये ग्रामीण
इसी प्रकार अन्य कार्यालयों से भी अधिकारियों को निकाल कर ताला जड़ दिया गया. बता दें कि सोमवार को महुआडांड़ में साप्ताहिक हाट लगता है. प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से लोग अनुमंडल, प्रखंड सह अंचल कार्यालय में अपने कार्यों से आते हैं, लेकिन कार्यालयों में तालाबंदी के कारण उन्हें बगैर काम कराये बैरंग लौटना पड़ा. कृषि केंद्र में फसल की क्षतिपूर्ति का आवेदन जमा करने फार्म लेने आये किसानों को भी बैरंग लौटना पड़ा. कार्यालयों में ताला जड़ दिये जाने के बाद एसडीएम नीत निखिल सुरीन व बीडीओ अमरेन डांग कार्यालय के बाहर टहलते नजर आये. जब इस विरोध के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी नीत निखिल सुरीन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रर्दानकारी संविधान की गलत व्याख्या कर रहे हैं. उन्हें जो भी कहना है संवैधानिक तरीके से अपनी बातों को रखें. प्रशासन उनकी बातें अवश्य सुनेगा. मौके पर मुकेश उरांव, अरूण उरांव, राजेश उरांव, अशोक उरांव, विलयम कुजूर, सुबेदार उरांव, डोंडो उरांव, मकसेन उरांव, भरोसा उरांव, भरिंडा उरांव, प्रफुला उरांव व हाबिल लकड़ा उपिस्थत थे.
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