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मनिका में जागरूकता सम्मेलन का हुआ आयोजन
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15वें वित्त योजना में मजदूरी बढ़ाने की मांग
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15 साल बितने पर भी मजदूरी नहीं बढ़ने पर रोष
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मुख्यमंत्री के नाम बीडीओ को सौंपा मांग पत्र
Latehar: मनरेगा दिवस के मौके पर ग्राम स्वराज मजदूर संघ और मनरेगा सहायता केंद्र के द्वारा संयुक्त रूप से मनिका में जागरूकता रैली निकली गई. रैली के बाद सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में जन्हों के परसही में काम के दौरान मृत मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम स्वराज मजदूर संघ के अध्यक्ष कमलेश उरांव ने किया.
राज्य समन्वयक जेम्स हेरेंज ने किया संबोधित
सम्मेलन को संबोधित करते हुए झारखंड मनरेगा वॉच के राज्य समन्वयक जेम्स हेरेंज ने कहा कि मनरेगा को कानून के बने 15 वर्ष हो गये. मगर मनरेगा मजदूरों को अबतक झारखंड में कम मजदूरी दी जाती है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कम से कम 300 मजदूरी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की जरूरत है.
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संघर्ष की जरूरत
राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राज्य संयोजक मिथिलेष कुमार ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का समय है. क्योंकि आज के दिन मजदूरों के संघर्ष के बदौलत मनरेगा कानून बना. इसे लागू कराने के लिए सभी मजदूरों को संघर्ष करने कि जरूरत है.
- सम्मेलन में मनरेगा मजदूरों ने मजदूरी बढ़ाने की मांग की
- महिलाओं, वृद्ध व आदिम जनजातियों के लिए दैनिक आधार पर मजदूरी दर निर्धारित करने की मांग
- मनरेगा में कार्यरत सभी गर्भवती महिला मजदूरों को एक महीने का संवैधानिक मातृत्व अवकाश देने की मांग
- कार्य के दौरान मृत मजदूरों के आश्रितों को 10 लाख रूपये का मुआवजा देने की मांग
- कार्य के दौरान घायल हुए मजदूरों को समुचित इलाज की व्यवस्था करने की मांग
- प्रत्येक मनरेगा मजदूर को संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजना का लाभ देने की मांग
- ग्रुप बीमा चिकित्सा भत्ता, पीएफ सुविधा, ग्रेच्युटी लाभ, मृत्यु अथवा विकलांग होने पर आश्रितों को अनुग्रह राशि एवं बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी सुनिश्चित करने का मांग की गई.
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