Vinit Upadhyay
Ranchi: वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप से झारखंड हाईकोर्ट भी अछूता नहीं रह पाया था, हाईकोर्ट के न्यायधीश, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार समेत दर्जनों कोर्ट स्टाफ एवं सुरक्षाकर्मी कोरोना की चपेट में आने के बाद सबने इस बीमारी से लड़ाई जीती और इन सब के बीच हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई की प्रक्रिया जारी रही.
15894 मामलों का निष्पादन
किसी व्यक्ति को देर से न्याय मिले तो उसे न्याय नहीं माना जाता शायद यही कारण है कि कोरोना संक्रमण काल में भी न्यायिक प्रक्रिया पर ब्रेक नहीं लगने दिया और मुकदमों की सुनवाई की दिशा में बेहतरीन प्रयास किये गये. जिसका अच्छा रिजल्ट भी देखने को मिला है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य न्यायाधीशों और पूरी ज्यूडिश्यरी सिस्टम के प्रयास की बदौलत हाईकोर्ट ने पूरे कोरोना काल में अब तक 15894 मामलों को सुनवाई के बाद निष्पादित कर दिया है वहीं लगभग 2500 इंटरलॉकेटरी एप्लिकेशन भी निष्पादित किये गये हैं और अब तक 47160 मुकदमों को सूचीबद्ध कर उनकी सुनवाई वीसी के जरिए की गयी है.
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महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जतायी संतुष्टि
राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इन आंकड़ों से संतुष्टि जताते हुए कहा है कि झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन ने लॉक डाउन के दौरान पूरी स्थिति पर पैनी नज़र रखी और हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीशों के साथ कोर्ट स्टाफ्स को भी मोटिवेट किया. ताकि किसी भी परिस्थिति में न्यायिक कार्य बाधित न हों और सभी न्यायाधीशों के प्रयास से कोरोना काल में भी अंतिम व्यक्ति तक न्याय की किरण निर्बाध रूप से पहुंचती रही.
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JSBC के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने कहा है की लॉकडाउन की अवधि के दौरान हाइकोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा रिकॉर्ड मामलों की सुनवाई वीसी के जरिए कर एक मिसाल पेश की है और कोरोना के बढ़ते संक्रमण के डर के बीच न्यायिक प्रक्रिया का नहीं रुकना झारखंड हाईकोर्ट के लिए एक एचिवमेंट है.
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