Ranchi: दल-बदल के मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की मुश्किलों में इजाफा करते हुए कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने झारखंड विधानसभा के न्यायाधिकरण में आइए (Interlocutary Application) दाखिल किया है. दायर आवेदन में कहा गया है कि बाबूलाल मरांडी की वजह से विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का मामला भी लंबित है और इस कारण कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सरकार को परेशानी हो रही है. वहीं इस आवेदन में उन्होंने बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को कांग्रेस पार्टी के विधायक का दर्जा देने की भी मांग विधानसभा अध्यक्ष से की है. याचिका में यह कहा गया है की बाबूलाल मरांडी पर 10वीं अनुसूची के उल्लंघन का मामला बनता है.
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सदस्यता को विधानसभा के न्यायाधिकरण में चुनौती
दल-बदल के मामले में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल दोनों प्रमुख पार्टियों के विधायकों ने बाबूलाल मरांडी की सदस्यता को विधानसभा के न्यायाधिकरण में चुनौती दे दी है. इससे पहले जेएमएम विधायक भूषण तिर्की और राजधनवार के पूर्व माले विधायक राजकुमार यादव के आवेदन पर विधानसभा अध्यक्ष ने 10वीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी को एक बार फिर 17 दिसंबर को नोटिस जारी किया है. नोटिस में बाबूलाल मरांडी से दुबारा यह पूछा गया है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाये. न्यायाधिकरण ने इस पर जवाब मांगा गया है. पूर्व में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी को नोटिस जारी किया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि 10वीं अनुसूची में स्वतः संज्ञान लेकर अध्यक्ष को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है, जबकि अदालत में सुनवाई के दौरान विधानसभा की तरफ से पक्ष रहे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी जिरह में कहा था कि दल-बदल के इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लिया गया संज्ञान संवैधानिक है और आर्टिकल 226 के तहत जब तक विधानसभा के न्यायाधिकरण में यह मामला लंबित है, अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
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