Ranchi : दिल्ली हाईकोर्ट के वकील सत्य प्रकाश ने गुरुवार को हजारीबाग के आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा की झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से अपील कि है कि मिश्रा के परिवार को न्याय दिलाने के लिए स्वतंत्र सेंट्रल एजेंसी द्वारा मामले की जांच हो. इसके साथ ही उन्होंने जांच प्रक्रिया के सही तरीके से होने के लिए वर्तमान डीसी और एसपी के ट्रांसफर के लिए अपील की है, क्योंकि उनका कहना है कि मामले में 5000 करोड़ रुपये के सरकारी और जंगल की जमीन का माफियों का अवैध तरीके से दिये जाने का मामला है.
इसके साथ ही उन्होंने पत्र के जरिए झारखंड में सामाजिक कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी, उनपर लगातार हो रहे हमले और फर्जी एफआईआर करवाने के मामलों में राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित किया. सत्य प्रकाश सहित अन्य 23 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर इसके लिए चिंता जताई है.
भ्रष्ट अधिकारियों और माफियाओं के कहने पर हुई गिरफ्तारी
पत्र के जरिए उन्होंने बताया है कि वे आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों से काफी हताश हैं. 3 मार्च, 2021 को हजारीबाग के आरटीआई कार्यकर्ता, मानवाधिकार वकील और वेब जर्नलिस्ट राजेश मिश्रा को साजिश के तहत झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस भ्रष्ट अधिकारियों और हजारीबाग के माफियाओं के कहने पर मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता की गिरफ्तारी का क्या है मामला
पत्र में जानकारी दी गई है कि 3 मार्च, 2021 को लगभग दोपहर 12.30 बजे चार लोग जो अपने आप को झारखंड पुलिस बता रहे थे. उन्होंने राजेश से आरटीआई से जुड़े सवाल करने की बात कही. पुलिस से राजेश की बाइक और कुछ आईटीआई दस्तावेज जब्त कर लिये. लगभग दोपहर एक बजे बिना वॉरेंट और परिवार को सूचना दिये उन्होंने राजेश को हिरासत में लिया. हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें न अपने वकील और न ही परिवार से मिलने दे रही है. राजेश के परिवार सहित लगभग 100 आरटीआई और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब झारखंड पुलिस ने उनपर अफीम से जुड़े चार्ज लगाए है. इससे साफ पता चलता है कि उन्हें फंसाने की कोसिश की जा रही है. ऐसे इसलिए किया गया, क्योंकि राजेश ने पिछले पांच वर्षों में कई भू-माफिया, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों आदि का पर्दाफाश किया था.