New Delhi : भारत सरकार ने जीवन की सुगमता- ‘ईज ऑफ लिविंग’ वाले शहरों की सूची जारी कर दी है. इस सूचकांक में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु शीर्ष पर है. इस सूची में राजधानी दिल्ली 13वें नंबर पर है. वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में शिमला टॉप पर है.
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स और म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स-2020 में सामने आई है. टॉप-20 शहरों में मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, छत्तीसगढ़ का रायपुर, गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट, महाराष्ट्र के पुणे, नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई समेत 7 शहर शामिल हैं. इनमें से 49 शहर 10 लाख से अधिक आबादी वाले (मिलियन प्लस) हैं, जबकि 62 शहर 10 लाख से कम कम आबादी वाले हैं. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में 111 शहरों का सर्वे शामिल हैं. इसमें 32.5 लाख लोगों का फीडबैक लिया गया.
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10 लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 शहर
बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद , चेन्नई , सूरत, नबी मुंबई, कोयंबटूर, वडोदरा, इंदौर, ग्रेटर मुंबई.
10 लाख से कम आबादी वाले शीर्ष 10 शहर
शिमला, भुवनेश्वर , सिलवासा, काकीनाडा, सलेम, वेल्लोर , गांधीनगर , गुरुग्राम , दावणगेरे, तिरुचिरापल्ली.
शिक्षा के मामले तिरुवनंतपुरम अव्वल
शिक्षा के मामले में तिरुवनंतपुरम देश का सबसे अच्छा शहर है. दूसरे नंबर पर बेलागावी और तीसरे पर चंडीगढ़ आता है. इसके बाद काकीनाड़ा, इंदौर, इम्फाल, बेंगलुरु, अजमेर और अमृतसर के नंबर हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में इम्फाल सबसे बेहतरीन शहर है. टॉप-5 में वेल्लौर, पोर्ट ब्लेयर, शिलॉन्ग और मेंगलोर शामिल हैं.
नगर निकाय प्रदर्शन (म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स) के आधार पर इंदौर देश में नंबर-1 शहर है. इस इंडेक्स को 114 शहरी निकायों के 20 सेक्टर और 100 इंडिकेटर के आधार पर बनाया गया. इसमें मिलियन प्लस शहरों में इंदौर, सूरत और भोपाल टॉप-3 रहे. जबकि, कम आबादी के शहरी निकायों में नई दिल्ली, तिरुपति और गांधीनगर टॉप-3 शहर रहे. आवासीय स्थिति में भी तिरुवनंतपुरम टॉप पर है. इसके बाद दिल्ली, पुड्डुचेरी और भोपाल की बारी आती है. पीने के पानी, साफ-सफाई और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में वेल्लौर पहले नंबर पर है. इसके बाद तिरुपति, अहमदाबाद, इंदौर और राजकोट जैसे शहर आते हैं. सिटिजंस परसेप्शन के मामले में भुवनेश्वर देश का सबसे बेहतरीन शहर है. उसके बाद सिलवासा, देवनगेरे, काकीनाड़ा, बिलासपुर और भागलपुर का नंबर है.
सरकार ने ऐसे बनाई है सूची
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही ईज ऑफ लिविंग को भी बेहतर करने पर जोर दिया है, ऐसे में यह सूची बेहद अहम है. सरकार शहरी विकास पर खर्च का निर्धारण भी इसी सूची को प्राथमिकता में रखते हुए करती है. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स पहली बार 2018 में जारी किया गया था. यह सूची सरकार, पहचान और संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, किफायती आवास, भूमि योजना, पार्क, परिवहन, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण की गुणवत्ता जैसे 15 मानकों के आधार पर तैयार की जाती है.
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