Lohardaga : लोहरदगा जिले में बिना फायर एनओसी के कई अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है. अगर कोई हादसा हो जाये तो उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. दमकल विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक दो अस्पतालों को छोड़ कर लगभग 95 प्रतिशत से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं.
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अस्पतालों में कई बार मिली है नोटिस
विभाग समय-समय पर अस्पताल संचालकों को नोटिस भेजता रहता है. लेकिन यह कार्रवाई भी महज खानापूर्ति ही साबित होती है. बिना फायर एनओसी चल रहे अस्पतालों में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर उपचार कराने आते है. पुलिस-प्रशासन दोनों मामले से बेखबर है.
बता दें कि लोहरदगा में करीब 100 से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है. दमकल विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक-दो अस्पतालों को छोड़कर अन्य सभी अस्पताल बिना फायर एनओसी के ही संचालित हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि अस्पतालों में हादसे नहीं होते. कई बार हादसे हुए और अस्पताल पूरी तरह दमकल विभाग पर निर्भर रहा. छोटी घटना होने के कारण तो आग पर काबू पा लिया गया. लेकिन अगर कभी किसी दिन कोई बड़ा हादसा किसी अस्पताल में हो जाये तो किसी बड़ी अनहोनी की संभावनों से इंकार नहीं किया जा सकता है. समय-समय पर फायर विभाग ऐसे अस्पतालों को नोटिस भेजकर जगाने का प्रयास करता रहता है. प्रशासन को भी इसकी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. लेकिन प्रशासन की चुप्पी यह बताती है कि शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है.
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फायर एनओसी के लिए मानक निर्धारित
फायर विभाग के अनुसार बहुमंजिला इमारत, स्कूल-कॉलेज, सरकारी विभाग या फिर अस्पताल सभी के लिए फायर एनओसी लेना जरूरी है. नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत सुरक्षा की दृष्टि से यह बेहद जरूरी है. लेकिन अस्पताल प्रबंधक के द्वारा इसकी अनदेखी की जाती रही है.
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अस्पताल के लिए ये हैं मानक निर्धारित
– एरिया – 1000 वर्ग मीटर और 15 मीटर तक ऊंचाई (बेड)
अग्निशामक यंत्र, मैन्युअल इलेक्ट्रिक फायर अलार्म सिस्टम, स्प्रिंकलर सिस्टम (बेसमेंट हो तो), पानी टैंक क्षमता 5000 लीटर और 450 एलपीएम क्षमता का पंप.
– एरिया – 1000 वर्ग मीटर और 15 मीटर तक ऊंचाई (बिना बेड)
अग्निशामक यंत्र, हौजरील, मैन्युअल इलेक्ट्रिक फायर अलार्म सिस्टम, स्प्रिंकलर सिस्टम (बेसमेंट हो तो), दो टैंक क्षमता 5-5 हजार लीटर और 450 एलपीएम क्षमता के दो पंप.
– डबल स्टोरी अस्पताल (बेड)
वेटराइजर, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, ऑटोमेटिक स्मॉग डिटेक्शन अलार्म, 75 हजार लीटर का अंडरग्राउंड टैंक, 10 हजार लीटर का टेरिस टैंक, 1620 एलपीएम का एक डीजल, एक इलेक्ट्रिक और 180 एलपीएम का एक जॉकी पंप और अग्निशामक यंत्र.
– 15 मीटर से 24 मीटर तक ऊंचाई वाले अस्पताल
अग्निशामक यंत्र, हौजरील, वेटराइजर, यार्ड हाईड्रेंट, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, मैन्यूअल और ऑटोमेटिक स्मॉग डिटेक्शन अलार्म सिस्टम, 1.5 लाख लीटर क्षमता का अंडर ग्राउंड वाटर टैंक, 20 हजार लीटर क्षमता का टैरिस टैंक, 2280 एलपीएम क्षमता के एक इलेक्ट्रिक और एक डीजल पंप के अलावा 180 एलपीएम के दो जॉकी पंप.
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समय-समय अस्पतालों को मिल रही नोटिस
जिले में लगभग 95 प्रतिशत से अधिक अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है. एक दो अस्पताल ही ऐसे दर्ज हैं, जिनके पास एनओसी है. इनमें जिला और मेडिकल अस्पताल भी हैं. अस्पताल संचालकों को समय-समय पर नोटिस भेजे जाता हैं. ज्यादा से ज्यादा मानक पूरा करने का दबाव बनाया जाता है. इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं देता. इससे जुड़ी जानकारी मुख्यालय को भेज दी जाती है.
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