NewDelhi : लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी है. स्पीकर ओम बिरला ने आज बुधवार को इसकी घोषणा की. बता दें कि संसद की शुरुआत आज भी हंगामेदार रही. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की. इस क्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही है, निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत उत्पादकता ही रही.
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लोकसभा में कुल 20 विधेयक पारित किये गये
उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान 127वां संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किये गये,जबकि 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये, सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाये. यह जानकारी देते हुए ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित दी. इससे पूर्व स्पीकर ओम बिरला ने पूर्व सांसदों की मौत पर शोक संदेश पढ़ा. लोकसभा स्पीकर ने बताया इस सत्र में लगातार हंगामे के चलते कामकाज नहीं हो सका.
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सदन में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक : वेंकैया नायडू
दूसरी तरफ, राज्यसभा में चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को हुए हंगामे पर दुख जाहिर किया. इस दौरान वे भावुक भी हो गयेजिस समय सदन में राज्यसभा चेयरमैन दुख जाहिर कर रहे थे, उस वक्त भी विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते रहे. एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह मैं सदन नहीं चला सकता . उन्होंने कहा कि सदन में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. नायडू ने पूरे सत्र में विपक्ष के रवैये को लेकर अपनी वेदना जाहिर की.
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सरकार को फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करे, क्या नहीं
उन्होंने कहा कि जब कुछ सदस्य टेबल पर आये तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरा रात नहीं सो पाया. राज्यसभा चेयरमैन ने विपक्ष की लगातार मांग पर कहा कि आप सरकार को इस बात के लिए फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करे, क्या नहीं. वेंकैया नायडू ने कहा, मैं बहुत दुख के साथ यह कहने के लिए खड़ा हुआ हूं कि इस सदन की गरिमा जिस तरह से भंग की गयी और वो भी प्रतिद्वंद्विता की भावना से, वह बहुत चिंताजनक है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे जैसे विभिन्न धर्मों के पवित्र स्थल हैं, वैसे ही देश के लोकतंत्र का मंदिर है हमारी संसद. टेबल एरिया, जहां महासचिव और पीठासीन पदाधिकारी बैठते हैं, उसे सदन का गर्भगृह माना जाता है.
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