New Delhi : वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता होंगे. वह गुलाम नबी आजाद की जगह लेंगे, जो राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं. गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो रहा है. उन्हें पहले ही राज्यसभा से विदाई दी जा चुकी है. कांग्रेस पार्टी की तरफ से सदन के सभापति और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से खड़गे को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बारे में अनुरोध किया गया है. गुलाम नबी आजाद साल 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. वह करीब 41 साल से संसदीय राजनीति में हैं. वह 2014 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं.
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चिदंबरम और दिग्विजय पर मिली तरजीह
मल्लिकार्जुन खड़गे 13वीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता रह चुके हैं. खड़गे कर्नाटक से आते हैं और पार्टी में एक प्रमुख दलित चेहरा हैं. उच्च सदन में कांग्रेस के पास पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सदन में उप नेता आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता हैं. लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता बनाने का फैसला किया है.
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लोकसभा में पार्टी के नेता रह चुके हैं
माना जा रहा है कि गांधी परिवार के करीबी होने और दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक से आने की वजह से खड़गे को यह जिम्मेदारी दी जा रही है. खड़गे कुछ उन चुनिंदा दक्षिण भारतीय नेताओं में शामिल हैं, जो अच्छी हिंदी बोल लेते हैं. इतना ही नहीं, खड़गे को यह जिम्मेदारी देने के पीछे लोकसभा में पार्टी के नेता रहते हुए उनका शानदार प्रदर्शन भी एक वजह है. उन्होंने पिछली लोकसभा में पार्टी का बखूबी पक्ष रखा था. खड़गे साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था. इससे पहले राज्यसभा में अगले नेता प्रतिपक्ष के लिए खड़गे के अलावा आनंद शर्मा, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह के नाम भी सामने आ रहे थे.