Ranchi : लंबे समय से बंद पड़े पार्क, सिनेमाघरों और मॉल को एक जुलाई से खुलने का आदेश मिल चुका है. राजधानी के मॉल खुल भी गये हैं. यहां लोगों की चहल-पहल भी लगातार बढ़ रही है. साथ ही गाइडलाइन की धज्जियां भी उड़ रहीं. वहीं सिनेमाघरों और पार्कों में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है. पार्क भी खोल दिए गए हैं, मगर कोरोना का डर लोगों को पार्क आने में रोड़ा बन रहा है.
मॉल में बढ़ी लोगों को भीड़
रांची के न्यूक्लियस मॉल में शनिवार को लोगों की काफी चहल-पहल देखने को मिली. मेन गेट पर लोगों को सैनिटाइजर देकर उनका टेंपरेचर तो चेक किया जा रहा था, मगर मॉल के अंदर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां भी उड़ाई जा रही थीं. लोग बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के घूमते नजर आये. सरकार के निर्देश के अनुसार रेस्टोरेंट में बैठने की अनुमति फिलहाल नहीं दी गई है. सिर्फ होम डिलीवरी की सुविधा दी गई है. वहीं न्यूक्लियस मॉल के फूड कोर्ट में लोगों को बैठ कर खाने का लुत्फ उठाते हुए देखा गया. यह मॉल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है. साथ ही 50% के बजाय सिटिंग कैपिसिटी से अधिक लोग एक जगह पर बैठकर खाने का आनंद ले रहे थे.
27 जुलाई से सिनेमाघर भी होंगे गुलजार
तकरीबन 16 महीनो से बंद पड़े सिनेमाघरों को भी खोलेने का आदेश मिल चुका है. मगर OTT प्लेटफॉर्म पर फिल्मों के रिलीज होने के कारण सिनेमाघरों में फिलहाल सन्नाटा पसरा हुआ है. रांची के पॉपकॉर्न सिनेमा के प्रोपराइटर दीपक कुमार ठाकुर ने बताया कि तकरीबन डेढ़ साल से लॉकडाउन की वजह से सभी सिनेमाघर बंद हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलने की वजह से सिनेमाघरों के व्यवसाय को काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा. इस लॉकडाउन में भी फिक्स्ड चार्ज, डीपीएस चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी बिल संचालकों को देना पड़ा है. उन्होंने कहा कि 27 जुलाई को आने वाली फिल्म बेलबटम से सिनेमा घरों के संचालकों को यह उम्मीद है कि सिनेमा घरों में रौनक लौट आयेगी. इसकी तैयारी सिनेमाघरों ने शुरू कर दी है.
पार्क भी खाली पड़े हैं
पार्कों में फिलहाल लोगों का आना-जाना काफी कम है. कांके डैम पार्क के संचालक राजा बाबू ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग काफी डरे हुए हैं. इस कारण लोग पार्क में फिलहाल नही आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में जहां हर रोज 500–600 लोग पार्क में घूमने आते थे, अब मात्र 50 से 60 लोग ही पार्क आते हैं. इस वजह से पार्क में काम कर रहे कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है.