Kolkata : खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा में राज्य में विधान परिषद(उच्च सदन) बनाने का प्रस्ताव पेश कर सकती हैं. जान लें कि ममता बनर्जी ने बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान विधान परिषद का गठन करने का वादा किया था. बंगाल में दो जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है.
बता दें कि अभी देश के छह राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद् है. इससे पहले जम्मू कश्मीर में विधान परिषद थी. लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इसकी मान्यता खत्म हो गयी.
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विधान परिषद में 98 सीटें हो सकती हैं
सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी विधानसभा में विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पेश कर सकती हैं. वर्तमान में बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. विधान परिषद बनाये जाने की स्थिति में उसमें 98 सीटें हो सकती हैं. नियमानुसार विधान परिषद की सीटों के संख्या विधान सभा की सीटों की संख्या से एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती.
जान लें कि ममता बनर्जी भले ही विधानसभा में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पेश कर दें, लेकिन फिर एक पेंच फंसेगा. विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत से पास कराना होगा. यानी विधानसभा परिषद का गठन केंद्र की मोदी सरकार की मंजूरी के बिना संभव नहीं हो सकता.
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बंगाल में पांच दशक पहले विधान परिषद थी
बंगाल में पांच दशक पहले विधान परिषद थी. बाद में इसे समाप्त कर दिया गया. आजादी के बाद 5 जून 1952 को बंगाल में 51 सदस्यों वाली विधान परिषद का गठन किया गया था. कुछ साल बाद में 21 मार्च 1969 को इसे खत्म कर दिया गया. 2011 में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में आते ही विधान परिषद के गठन का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है.