Pravin Kumar
Ranchi: चतरा जिला के प्रतापपुर प्रखंड में वृद्धा पेंशन के 10.74 लाख से अधिक रुपये के गबन के मामले में कई बीडीओ पर कार्रवाई होगी. गबन का यह मामला वर्ष 2009 का है. उस वक्त प्रखंड के बीडीओ राशि की निकासी करते थे और पंचायत सेवक के जरिए वृद्धों को वृद्धा पेंशन नकद दिया जाता था. पिछले 13 सालों में इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. चतरा के डीसी अबु इमरान के सामने जब यह मामला आया, तब उन्होंने मामले की जांच करायी. जांच में गबन की पुष्टि हुई है. उन्होंने इससे सबंधित रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. रिपोर्ट में ही वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक प्रतापपुर प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारियों (बीडीओ) के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. साथ ही एक बीडीओ बसंत लांग से गबन की राशि वसूली करने की शिफारिश की है.
ऐसे हुआ गबन
यह मामला 10 साल पुराना है. उस वक्त वृद्धा पेंशन की राशि बैंक खाते में नहीं दी जाती थी. प्रखंड के बीडीओ राशि की निकासी करते थे और पंचायत सेवक को अग्रिम के रुप में दे देते थे. पंचायत सेवक के द्वारा लाभुकों को पेंशन की राशि देने के बाद विवरण समायोजित (सेटलमेंट) कर दिया जाता था. प्रतापपुर प्रखंड में वृद्धा पेंशन के लिए की गई अग्रिम निकासी में से 63 लाख की राशि का समायोजन नहीं किया गया. मामले को भी दबा दिया गया. किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया.
पंचायत सेवक श्यामल कुमार ने नहीं किया समायोजन, हो चुके हैं रिटायर
जानकारी के मुताबिक वृद्धा पेंशन की राशि बांटने के लिए पंचायत सेवक श्यामल कुमार आयकत को 63,55,400 रुपया अग्रिम दिया गया था. इसमें 33, 29, 800 रुपया बीडीओ बंधन लांग ने दिया था. इसमें से 10, 74, 200 का सामंजन नहीं हुआ. बंधन लांग 14 जून 2009 से 11 जून 2011 तक प्रतापपुर के बीडीओ थे. जांच के बाद डीसी अबु इमरान ने बंधन लांग से 10.74 लाख रुपये की वसूली की अनुशंसा की है. डीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अग्रिम राशि को समायोजित करने की जिम्मेदारी बीडीओ की होती है. आश्चर्यजनक ढंग से बंधन लांग के बाद प्रतापपुर में पदस्थापित किसी भी बीडीओ ने इस राशि का समायोजन नहीं किया. इसलिए इस दौरान वहां पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद जहूर आलम, शाहअली खां, कृष्ण अग्रवाल, मनोज कुमार गुप्ता, दिनेश प्रसाद गुप्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये.