Ranchi : रांची नगर निगम अंतर्गत 5000 से अधिक हॉस्टल और लॉज चल रहे है. 100 से अधिक बैक्वेंट हॉल संचालित हो रहे है. इस सभी को अब प्रशासन का डर नहीं के बराबर रह गया हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो अधिकांश संचालक स्वंय निगम आकर इसके लिए लाइसेंस लेते. यह हजारों हॉस्टल संचालकों की जगह मात्र 104 लोगों ने निगम से लाइसेंस लेने का काम किया हैं. यह संख्या 2019-20 की है. वहीं 2020-21 में हॉस्टल चला रहे करीब 26 लोगों ने ही लाइसेंस का रिन्यूवल कराया. हालांकि यह संख्या 2021-22 में बढ़कर 58 तक पहुंची है.
वहीं बैंक्वेट हॉल की बात करें, तो 100 से अधिक बैक्वेट हॉल में से 2019-20 में करीब 36 लोगों ने लाइसेंस लिया. वहीं 2020-21 में यह संख्या घटकर 16 हो गयी. यानी इस वित्तीय वर्ष में 16 लोगों ने ही बैक्वेंट हॉल का लाइसेंस रिन्यूवल कराया.
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बंद करने का संचालक दे रहे आवेदन, नहीं लेने पर कार्रवाई के मुड में निगम
बैंक्वेंट हॉल चलाने के लिए लाइसेंस लेने वाली संख्या घटाने का एक प्रमुख कारण कोरोना में लगे लॉकडाउन बताया जा रहा है. संचालकों के आर्थिक तंगहाली का असर यह हैं कि अधिकांश ने निगम को आवेदन देकर बताया कि संबंधित नाम से बैक्वेंट हॉल का संचालन अब नहीं होगा. हालांकि कई संचालकों ने बंद करने के आवेदन नहीं दिया है. लेकिन वो लाइसेंस रिन्यूवल कराने के मूड में नहीं है. अब ऐसे संचालकों पर निगम पूरी तरह से कार्रवाई करने की तैयारी में है.
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भीड़-भाड़ से बचने के लिए ऑनलाइन की भी व्यवस्था, पर रूचि नहीं
लॉज-हॉस्टल और बैंक्वेंट चलाने के लिए निगम ने संचालकों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस लेने की भी व्यवस्था की है. ताकि संचालक निगम में होने वाले भीड़-भाड़ से बच सके. लेकिन संचालक इसकी रूचि नहीं दिखा रहे हैं. लॉज-हॉस्टल चलाने की बात करें, तो लाइसेंस के लिए 1000 से 2500 रूपये तक शुल्क तय है. यह शुल्क बेडों की हिसाब से है. लाइसेंस करीब एक साल के लिए मिलता है. लाइसेंस लेने के लिए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी निगम में जमा करना पड़ता है. इसमें बिल्डिंग प्लान, सिक्योरिटी गार्ड, सीसीटीवी कैमरा, फायर फाइटिंग, अप्रूव नक्शा प्रमुखता से शामिल हैं.
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