Ranchi: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने 31 अगस्त को कमेटी के न्याय करो-अधिकार दो पैदल मार्च को लेकर बैठक की. इस बैठक का आयोजन होटल आलोका के सभागार में किया गया. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु और संचालन प्रधान महासचिव बिरेन्द्र कुमार ने किया.
पैदल मार्च का उद्देश्य
आगामी पैदल मार्च का उद्देश्य ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, बजरा ग्राम के मूल खतियानी रैयतों की जमीन वापसी, छोटे व्यवसायियों या दुकानदारों की 10 लाख रुपये तक ऋण माफी की मांग की गई. कोरोना महामारी से मृत परिवार के लोगों को सरकारी की ओर से मुआवजा देने की मांग पर भी चर्चा की गयी.
इस अवसर पर कहा गया कि इन मुद्दों पर वैश्य मोर्चा ने कई बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल सहित दूसरे नेताओं-मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा है. लेकिन अब तक कुछ भी सकारात्मक परिणाम नहीं दिखा है. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. इससे सरकार के प्रति आम लोगों में आक्रोश पैदा हो रहा है.
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वर्तमान डीसी के पद पर रहते हुए मूल खतियानी रैयतों को नहीं मिल सकता न्याय
मौके पर कमेटी के सदस्यों ने कहा कि अगर राज्य में कानून का राज है और लोकतंत्र जिन्दा हैं तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि वे हमारी मांगों पर ध्यान दें. रांची के हेहल अंचल के बजरा गांव में खतियानी रैयतों की जमीन लूट कर फर्जी लोग वहां अवैध निर्माण करवा रहे हैं. उसे रोका जाना चाहिए. डीसी छवि रंजन को हटा कर हाईकोर्ट के किसी सीटिंग जज या विधायकों की एक कमिटि से जांच करा ली जाये. क्योंकि वर्तमान डीसी के पद में रहते हुए मूल खतियानी रैयतों को न्याय नहीं मिल सकता है. इसे लेकर बापू वाटिका से अलबर्ट एक्का चौक तक पैदल मार्च निकाला जाएगा.
बैठक में इनकी रही उपस्थिति
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष हीरानाथ साहु, वरीय उपाध्यक्ष मोहन साव, संजीव चौधरी, केंद्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद, रोहित शारदा, केंद्रीय महासचिव आरके प्रसाद, कपिल प्रसाद साहु, केंद्रीय सचिव लक्ष्मण साहु, संगठन सचिव हृदय प्रसाद साहु सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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