Ranchi: स्वास्थ्य मंत्री झारखण्ड सरकार, फाइलेरिया उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध है. 22 फरवरी से फाइलेरिया प्रभावित 4 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. झारखण्ड सरकार राज्य से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर प्रतिबद्ध है. इसी के तहत स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं, विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कैसर्न इंटरनेशनल के साथ समन्वय स्थापित कर, 21 फरवरी को राज्य के चार जिलों- साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में एमडीए कार्यक्रम का वर्चुअल शुरुआत की गई. सोमवार को एमडीए का स्वास्थ्य मंत्री विधिवत शुरूआत करेंगे.
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, रवि शंकर शुक्ला, साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ जिलों के उपायुक्त, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीजेज़, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, डॉ. एसएन झा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेशनल ट्रॉपिकल डिजीजेज़ (एनटीडी) के राज्य समन्वयक डॉ. देवेन्द्र सिंह तोमर, प्रोजेक्ट कन्सर्न इंटरनेशनल के मोहम्मद कलाम खान, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि अनुज घोष के साथ ही एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्य पदाधिकारियों उपस्थित थे.
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रोग को भगाना है, रोगी को बचाना है- बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री ने अवसर पर कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों सामने ही सेवन करे. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता लोगों के बीच हमारी विश्वसनीयता एवं हमारे कार्य करने की पद्धति पर आधारित है. रोग को भगाना है, रोगी को बचाना है. साथ ही स्वस्थ एवं समृद्ध झारखण्ड की परिकल्पना को साकार करना है. 22 फरवरी से 27 फरवरी तक साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम में, फाइलेरिया रोधी दवाएं लाभार्थियों को प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपने सामने ही खिलाई जाएगी.
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इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य में फाइलेरिया से संक्रमित समस्त मरीजों को सूचीबद्ध किया जाये. ताकि, उनकी गहन निगरानी की जा सके और उनके रोग का प्रबंधन सही तरीके से हो सके. इससे फाइलेरिया रोग के प्रसार को रोकने में भी सफलता मिलेगी.
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का क्रियान्वयन और बेहतर ढंग से किये जाने की आवश्यकता- रवि शंकर शुक्ला
अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, अभी भी एक सार्वजानिक स्वास्थ्य चुनौती है. इसका किर्यान्वयन और बेहतर ढंग से किये जाने की आवश्यकता है. प्रशासनिक स्तर पर एवं सभी विभागों के समेकित प्रयासों से फाइलेरिया के समूल उन्मूलन के मार्ग पर अवश्य अग्रसर होंगे.
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