Lucknow : यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने की कवायद में जुट गये हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती भी पीछे नहीं है. मायावती ब्राह्मण समाज के लोगों को साधने के लिए 23 जुलाई से ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही है. बता दें कि 23 जुलाई से बीएसपी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में अयोध्या से एक अभियान शुरू किया जा रहा है. जिससे बीएसपी में ब्राह्मणों को जोड़ा जा सके.
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यूपी के दलित लोगों पर मुझे नाज है
मायावती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ब्राह्मण समाज दुखी है. ब्राह्मण समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भाजपा के बहकावे में आकर उसे वोट दिया था. कहा कि यूपी के दलित लोगों पर मुझे नाज़ है. आरोप मढ़ा कि भाजपा और कांग्रेस ने दलितों को भटकाने के बहुत प्रयास किये. भाजपा ने दलितों को खूब खिचड़ी खिलाई, लालच दिया. दलितों के हाथों की बनी खिचड़ी इन्हे पसंद नहीं होती है, शायद खुद से ही बना कर ले गये हों.
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दलितों ने बीएसपी को एकतरफा वोट दिये
मायावती के अनुसार दलितों ने बीएसपी को एकतरफा वोट ही दिये. वो बहकावे में नहीं आते हैं. मायावती ने कहा कि हमारा वोट प्रतिशत सपा से भी ज्यादा था. ब्राह्मण भाजपा के बहकावे में आ गये. मुझे पूरा भरोसा है कि ब्राह्मणों के साथ कितना गलत हो रहा है, अब ब्राह्मण भाजपा को वोट नहीं देंगे. ना ही भाजपा के बहकावे में आयेंगे.
मायावती ने कहा कि भाजपा फिर से हथकंडे इस्तेमाल करेगी जिससे ब्राह्मण वोट भाजपा के पास बना रहे. ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करने के लिए कि अन्य समाज के साथ इनका हित भी केवल बीएसपी की सरकार में हो सकता है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलितों की तरह ब्राह्मण अटल रहेंगे, जैसे 2007 में इन्होंने हमारा साथ दिया वैसे ही इस बार भी साथ देंगे. हमने ब्राह्मणों का हमेशा ख्याल रखा, दलित भाजपा के भ्रम में नहीं फंसा, ब्राह्मण फंस गये. ब्राह्मणों को दलितों से प्रेरणा लेनी चाहिए.