Ranchi : मांडर विधायक बंधु तिर्की ने एसटी-एससी की प्रोन्नति में गड़बड़ी मामले में कार्मिक राजभाषा एवं प्रशासनिक सुधार विभाग को कई सुझाव देते कई गंभीर मुद्दों को भी सामने लाया है. सूबे में एससी-एसटी जाति के प्रशासनिक पदाधिकारी एवं अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की प्रोन्नति के मामले में हो रही अनियमितता पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि सचिवालय सहायक एवं सचिवालय पदाधिकारियों का एक ही पद पर बने रहना तथा महिला पदाधिकारियों को child/cave/eave नहीं दिया जाना, चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा महिला पदाधिकारियों-कर्मियों (पति-पत्नी) को एक ही जिला में पदस्थापन किए जाने के साथ महिला पदाधिकारी को गृह जिला या आसपास के जिलों में पदस्थापन किया जाना चाहिए, जो राज्य में नहीं किया जा रहा है.
दोषमुक्त होने के बाद भी एसटी-एसी कर्मियों को नहीं मिल रही प्रोन्नति
बंधु तिर्की ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पदाधिकारी के विरुद्ध चल रहे विभागीय कार्रवाई को 6 माह के भीतर निष्पादन करना चाहिए. दोष मुक्त होने के बाद भी प्रोन्नति को बाधित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभिन्न न्यायालय द्वारा पारित आदेश के बावजूद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के प्रोन्नति को बाधित रखना विभागीय शिथिलता को दर्शाता है. विभिन्न न्यायालयों के द्वारा पारित आदेश के बावजूद दोषमुक्त नहीं किया जा रहा है.
अनावश्यक आरोप लगाकर किया जा रहा है प्रताड़ित
बंधु तिर्की ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध अनावश्यक आरोप लगाकर वरीय पदाधिकारी द्वारा मानसिक प्रताड़ित किया जाता है. साथ ही संबंधित पदाधिकारी का समय पर एसईआर भी नहीं दिया जाता है. श्री तिर्की ने आगे कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के पदाधिकारियों को उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता जैसे उच्च स्तरीय पदों पर नहीं रखा नहीं जाता है. इसके अलावा राजधानी रांची एवं निकटवर्ती जिलों में एसटी-एससी पदाधिकारियों का पदस्थापन नहीं किया जाता है. साथ ही आईएएस प्रोन्नति में भी एससी-एसटी के पदों पर अन्य जाति के पदाधिकारी को प्रोन्नति दे दी जाती है. उपायुक्त द्वारा एससी-एसटी पदाधिकारी को क्षेत्र में वरीयता के आधार पर प्रोन्नति नहीं दी जाती है.
राज्य प्रशासनिक सेवा के स्वीकृत बल को चिह्नित कर प्रोन्नति दे सरकार
बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार से राज्य प्रशासनिक सेवा में पदाधिकारियों को स्वीकृत बल एवं चिह्नित पद के विरुद्ध प्रोन्नति देने के उपरांत भी पदाधिकारियों को उस पद पर पदस्थापन नहीं किया जा रहा है. पदस्थापना अगर हो भी जाता है तो वरीय पदाधिकारियों की उपेक्षा करते हुए कनीय पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापित कर दिया जा रहा है. जबकि बैच में वरीय पदाधिकारियों को मात्र पदस्थापित पद को उत्क्रमित कर (कनीय पद को) वर्षों से सेवा लिया जा रहा है.