NewDelhi : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पड़ोसी देश म्यांमार की सीमा से सटे चार पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को घुसपैठ की घटनाओं को लेकर सतर्क किया और कहा कि ऐसी सूरत में वे कानून के अनुसार कार्रवाई करें. म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से बड़े पैमाने पर लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.
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म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट
बता दें कि सैन्य तख्तापलट के बाद अब मिजोरम की सीमा पर घुसपैठ की संभावना को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. बीते दिनों म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार के खिलाफ तख्तापलट करते हुए सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है, जिसे लेकर भारत में उथल-पुथल मची हुई है.
अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक पत्र में पूर्वोत्तर के चार राज्यों को म्यांमार सीमा पार से सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों के अवैध प्रवेश को लेकर आगाह किया और ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिये. मंत्रालय के उपसचिव कृष्ण मोहन उप्पू ने अपने पत्र में कहा कि म्यांमार के आंतरिक हालात के चलते भारत-म्यांमार सीमा से भारतीय क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध एंट्री की आशंका है और अब यह शुरू हो चुका है.
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अवैध माइग्रेंट्स को रोक दिया जाये
इस बात लेकर पहले ही निर्देश दिये जा चुके है कि अवैध माइग्रेंट्स को कुछ जगहों पर रोक दिया जाये, उनकी बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा की जाये और फर्जी भारतीय दस्तावेजों को रद्द कर दिया जाये. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश किसी विदेशी को शरणार्थी’नहीं घोषित कर सकते हैं. भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी कन्वेन्शन 1951 और 1967 प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है.
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म्यांमार ने वापस मांगे थे पुलिसकर्मी
मिजोरम सरकार ने हाल ही में कहा था कि म्यांमार से 16 लोग राज्य की सीमा में प्रवेश कर गये, जिनमें से 11 ने दावा किया कि वे पुलिसकर्मी थे. बाद में म्यांमार ने अपने आठ पुलिसकर्मियों को उन्हें लौटाने को कहा था. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी कहा था कि म्यांमार के लोगों ने उनके राज्य में भी प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन सुरक्षा बलों की भारी तैनाती देखकर वे वापस लौट गये.