Jamshedpur : परसुडीह थाना क्षेत्र के गोलपहाड़ी रेलवे कॉलोनी से छह अप्रैल से गायब किशोरी पुणे (महाराष्ट्र) में मिल गई है. वह वहां चाईल्ड लाइन के संरक्षण में है. इसकी जानकारी चाईल्ड लाइन की ओर से मई में ही किशोरी के परिजनों को फोन पर दी गई. किशोरी को अब जमशेदपुर लाने की कोशिश शुरू कर दी गई है. इस मामले में स्थानीय सामाजिक संस्था संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. संस्था की अध्यक्ष मुनमुन चक्रवर्ती ने बताया कि किशोरी के गायब होने के बाद उसके परिजनों ने उनसे संपर्क किया. 8 अप्रैल को परसुडीह थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण का दौर होने के कारण पुलिस की ओर से कुछ खास कार्रवाई नहीं की गई. संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन भी हमेशा प्रयासरत रही कि किशोरी शहर आ जाए. इसके लिए जमशेदपुर की चाइल्ड वेलफेयर फाउंडेशन, डिस्ट्रीक्ट चाईल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर और पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से संस्था ने निरंतर संपर्क बनाए रखा. मुनमुन चक्रवर्ती ने बताया कि बच्ची को शहर लाने के लिए प्रशासन की से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने पर संस्था ने अपने खर्चे पर मंगवाने की पहल की. 31 अगस्त को संस्था के दो वोलेंटियर्स और स्थानीय पुलिसकर्मी (एक महिला कांस्टेबल) पुणे जाने के लिए राजी हुए हैं.
किशोरी के लौटने पर ही खुलेगा कोलकाता से पुणे जाने का राज
किशोरी के चाचा पवन मुखी ने बताया कि 6 अप्रैल को घर से गायब होने के बाद किशोरी के कोलकाता जाने और वहां से पुणे जाने की जानकारी मिली. जमशेदपुर में वह घर से कम ही निकलती थी. अकेले बाजार जाने से भी वह डरती थी. संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष मुनमुन चक्रवर्ती ने कहा कि किशोरी अगर ट्रेन से कोलकाता गई तो फिर स्टेशन पर आरपीएफ या चाईल्ड लाइन ने उसे क्यों नहीं पकड़ा. कोलकाता वह ट्रेन से ही पुणे गई. इस दौरान भी कई स्टेशन पड़े. लेकिन किशोरी से पुलिस ने पूछताछ नहीं की. संभव है किशोरी किसी तस्करी गैंग के बहकावे में आकर पुणे चली गई हो. पुणे में आरपीएफ की नजर पड़ने पर तस्करी गैंग के सदस्य वहां से फरार हो गए हों. जो भी मामला होगा, किशोरी के यहां आने के बाद ही स्पष्ट होगा.
15 दिनों पर परिजनों से किशोरी की होती है बात : पवन मुखी
पवन मुखी ने बताया कि चाईल्ड लाइन पुणे की ओर से प्रत्येक 15 दिनों पर फोन से किशोरी से बात कराई जाती है. बातचीत में किशोरी स्वयं के ठीक होने और जमशेदपुर आने की ईच्छा जाहिर करती है. लेकिन वे चाहकर भी किशोरी को नहीं ला सकते, क्योंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत है. पुलिस किशोरी को शहर लेकर आएगी, उसके बाद अदालत तय करेगी कि वह कहां रहेगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंचल कुमारी ने बताया कि परसूडीह से बीते अप्रैल में गायब हुई किशोरी के पुणे में होने की जानकारी उसके परिजनों ने उन्हें दी है. इस मामले में वे जल्द ही पुणे चाईल्ड लाइन से संपर्क कर किशोरी को शहर लाने की पहल करेंगी. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में परसुडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है. पुलिस की ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है. इसकी जानकारी ली जाएगी.