- मई में नियुक्ति के नाम पर एक से दस हजार रूपये लिये गये
- लेकिन एक महीने में इन्हें सेवामुक्त कर दिया गया
Ranchi: विधायक बंधु तिर्की की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया. जिसमें स्वास्थ्य कार्य में लगी नर्सों और सुरक्षाकर्मियों को फिर से बहाल करने की मांग की गयी. तिर्की ने पत्र स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं कल्याण मंत्री को भी लिखा. पत्र में जिक्र है कि कोरोना महामारी के दौरान आउटसोर्सिंग एजेंसी टी एंड एम सर्विस कंसलटेंसी लिमिटेड की ओर से रिम्स मे स्वास्थ्य कर्मियों को बहाल किया गया. जिसकी कुछ निर्धारित शर्त भी रही.
लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आते ही एजेंसी की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों को आकारण हटा दिया गया. वहीं सदर अस्पताल रांची और खेलगांव के कोविड सेंटर मे तैनात की गई 100 नर्सों को भी ड्यूटी से वंचित कर दिया गया. वहीं इन कर्मियों को वेतन भी नहीं दिया गया. ऐसे में सरकार को इन कर्मियों को फिर से बहाल किये जाने पर विचार करना चाहिये.
इसे भी पढ़ें-फूफा ने रिश्तों को किया तार-तार, भतीजी को अगवा कर किया दुष्कर्म, पुलिस ने पहुंचाया जेल
लिया गया था पैसा
बंधु तिर्की ने पत्र में जानकारी दी है कि रिम्स में इन नर्सों की बहाली झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति की ओर से की गयी थी. समिति की ओर से कोलकाता की कंपनी रितु हॉस्पिटैलिटी की ओर से साक्षात्कार के माध्यम से सदर अस्पताल में बहाली की गयी. इस दौरान कर्मियों से नौकरी, ड्रेस और आई कार्ड के नाम पर अभ्यार्थियों से एक हजार से 10 हजार रुपये तक जमा कराया गया था. इन शर्तों के साथ इनकी नियुक्ति मई में की गयी थी. लेकिन एक महीने के अंदर इन कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया.
राज्य के कई युवा हुए बेरोजगार
इसका शिकार झारखंड के कई युवा और नर्सें हुई है. तिर्की ने कहा कि झारखंड राज्य के गुमला, डालटेनगंज, चाईबासा, सिमडेगा और देवघर के कई प्रशिक्षित, एएनएम और जीएनएम शामिल है. इसके अलावा बिहार राज्य के करीब 20 युवतियां शामिल है. पत्र में जिक्र है कि अब इन युवाओं के सामने असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.न्याय की आस में स्वास्थ्य सेवा कर्मी और नर्से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के समक्ष गुहार लगा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- अब 3 जुलाई को पीएम मोदी करेंगे रांची LHP की समीक्षा, शुक्रवार का कार्यक्रम स्थगित