Mithilesh Kumar
Dhanbad: बाघमारा से तीन बार के विधायक ढुल्लू महतो यौन उत्पीड़न के भी आरोपी हैं . इस मामले में वे तीन माह जेल में रह चुके हैं. फ़िलहाल हाई कोर्ट से जमानत पर हैं. पीड़िता कमला कुमारी से अब वे समझौता चाहते हैं. कमला को मैसेज भेजते हैं- जो हुआ, उसे भूल जा —-.
वो भूली दास्तां : कतरास गद्दी मुहल्ला निवासी, भाजपा नेत्री कमला कुमारी की शिकायत पर अक्टूबर 2019 में कतरास थाना में ढुल्लू महतो के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था. पर पुलिस सुस्त रही. पुलिस का शिथिल रवैया देख वह मीडिया के सामने आई. मीडिया की सक्रियता के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की.
तब सरेंडर किया: 12 फरवरी 2020 को जब पुलिस ढुल्लू को हिरासत में लेने उनके घर पहुंची, तो वे गायब मिले. पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर धनबाद सहित छह राज्यों में छानबीन शुरू की. लेकिन, ढुल्लू पुलिस के हाथ नहीं लगे. अचानक 11 मई को धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया. उन्हें जेल में डाल दिया गया. सिविल कोर्ट में जमानत याचिका डाली, लेकिन जमानत नहीं मिली. उसके बाद वे हाई कोर्ट गए, जहाँ से उन्हें जमानत मिल गई.
पुलिस वाले सुन नहीं रहे थे : कमला ने लगातार को बताया कि पुलिस वाले ढुल्लू महतो के खिलाफ सुनने के लिए तैयार नहीं थे. वह अनुनय- विनय करती रही, लेकिन पुलिस वालों पर असर नहीं हुआ. हारकर उन्होंने 2018 में आनलाइन शिकायत की. इसके कई माह बाद अक्टूबर 2019 में FIR दर्ज हुई. वह 2018 यानी चार साल से इंसाफ के इंतजार में हैं.
उस दिन की बात : तब भाजपा नेत्री कमला कुमारी ने मीडिया के सामने कहा था कि 2015 में विधायक उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहते थे. कमला ने कहा था कि आनंद शर्मा नामक विधायक के करीबी ने एक दिन फोन पर कहा कि विधायकजी पार्टी के काम से तुमसे मिलना चाहते हैं. उन्हें गेस्ट हाउस बुलाया गया. उनके पति को बाहर रहने के लिए कहा गया. अंदर जाने पर उन्होंने देखा कि विधायक और आनन्द शर्मा वहाँ हैं. शर्मा बाहर निकल गया. उसके बाद विधायक ने उनसे पास बैठने के लिए कहा. फिर जबरदस्ती का प्रयास किया गया. वह किसी तरह बाहर निकली, पति के साथ घर आई. इसके बाद भी विधायक फोन कर के उन पर पर दबाब बनाते रहे. विधायक का चरित्र देख उन्हें घृणा होने लगी और एक दिन उन्होंने आवाज उठाने का फैसला कर लिया.
और अब मान जाओ न : कमला ने फोन पर लगातार को बताया कि जेल से बाहर आने के बाद विधायक से धमकी नहीं मिली है, लेकिन उनके कुछ लोग मिलने आते हैं और कहते हैं कि जो हुआ, उसे भूल जा और समझौता कर लो. लड़ने से कुछ नहीं मिलने वाला है. लेकिन, उन्होंने साफ कह दिया है कि समझौता करना होता, तो न्याय के लिए दर – दर नहीं भटकती. मामला न्यायालय में है. सुनवाई चल रही है. उन्होंने अब सब कुछ न्यायालय पर छोड़ दिया है.
लड़ाई खुद लड़ी : कमला ने लगातार को बताया कि भाजपा में लंबे समय तक रही. विधायक से जुड़े मामले में पार्टी का कोई सहयोग नहीं मिला. उन्होंने अपनी लड़ाई खुद लड़ी. पार्टी के लोग सब कुछ देखकर मौन रहे. बीजेपी ने उनके लिए अच्छा नहीं किया, तो बुरा भी नहीं किया. इस घटना के बाद पार्टी में रहना उन्हें सही नहीं लगा. इसलिए बीजेपी छोड़ दी. अब कांग्रेस में आ गई हैं. {जारी }
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