Ranchi: कोविड के ट्रीटमेंट और बिहेवियर का प्रोटोकॉल ICMR तय करता है. कोविड के दौरान कौन सी दवाईयां चलेंगी. अस्पताल में कब भर्ती किया जा सकता है. रेमेडिसिवर कब देना है. क्या सावधानी बरतनी है. कोविड संक्रमितों की मौत के बाद अंतिम संस्कार की क्या प्रक्रिया होगी. कब्र का गड्ढ़ा कितना होगा यह सब ICMR तय करता है, तो फिर कोविड से मौतों का प्रोटोकॉल कौन तय करेगा. यह सवाल उठाया है जेएमएम ने.
पार्टी महसचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार महामारी में अपनी विफलता छिपाने के लिए राज्यों पर गलतियां थोप रही है. संसद में सरकार का यह बयान की राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा नहीं भेजा है, इसलिए देश में ऑक्सीजन से एक भी मौत नहीं हुई है. यह बेहद हास्यास्पद है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन समेत अन्य सभी मेडिकल सुविधाएं केंद्र के नियंत्रण में थी. ऑक्सीजन भी इनमें से एक था. कई लोग बिना ऑक्सीजन के त़ड़प-तड़प कर मर गये और सरकार कहती है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. उन लोगों के लिए तो यह हतप्रभ करने वाली हालत है जो लोग घंटों ऑक्सीजन के लिए लाइन में लगे रहे और ऑक्सीजन की कमी से अपनों को मरते देखा.
मौतों का ऑडिट क्यों नहीं करा लेती सरकार
सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी कहती है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. हर जगह प्रधानमंत्री की तस्वीरें लगी है. जब मोदी सरकार जंग लड़ रही है तो ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा. एंबुलेंस, बेड और ऑक्सीजन नहीं मिलने से कितने संक्रमितों की मौत हुई यह कौन बताएगा. आखिर केंद्र सरकार मौतों का ऑडिट क्यों नहीं कराती है. 2020 से 2021 तक हुई मौतों का केंद्र ऑडिट करा ले तब ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने आ जाएगा.
संसद में झारखंड के 16 सांसद सिर्फ दांत दिखाते हैं
जेएमएम ने कहा कि संसद में झारखंड के 16 सांसद बैठे हैं. ये लोग वहां दांत दिखाकर सिर्फ तालियां बजाने का काम करते हैं. केंद्र सरकार से क्यों सवाल नहीं करते हैं. मीडिया की पूरी लाइब्रेरी चीख-चीखकर कह रही है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही थी. इतने लोगों की मौत पर इतना बड़ा झूठ बीजेपी के लोग पार्लियामेंट में बैठकर कैसे बोल सकते हैं.
इन लोगों ने मौतों का आंकड़ा छिपाने के लिए कई चालें भी चली थी. गंगा और नर्मदा में लाशें बहाई गई थी. सुप्रियो ने कहा कि नया नाटक शुरू करने से कुछ नहीं होगा. बीजेपी का चेहरा और चरित्र बेनकाब हो चुका है. केंद्र सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए.
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