Ranchi : मॉनसून सत्र के पांचवे दिन भी सदन की शुरूआत हंगामे के साथ हुई. विधानसभा के अंदर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने आदिवासियों को लेकर एक बयान दिया था. हालांकि यह बयान स्पंज कर दिया गया था. इसके बावजूद भाजपा बयान को लेकर गुस्से में है. पहले विधानसभा के बाहर भाजपा ने विधायक इरफान अंसारी से माफी मांगने की मांग की. वहीं विधानसभा के अंदर भी यह मामला भाजपा विधायकों ने उठाया. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया.
हंगामे के बीच विधायक इरफान अंसारी ने अपनी सीट पर खड़े होकर कहा कि मैं आदिवासी का सबसे बड़ा हितैषी हूं, फिर भी जो बातें सामने आई है, अगर सदन को लगता है कि वह गलत है तो वे खेद व्यक्त करते हैं. उधर भाजपा का हंगामा जारी रहा. स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने कहा कि इरफान अंसारी सदन के अंदर कान पकड़कर माफी मांगे नहीं तो ऐसी की तैसी कर देंगे. इसके बाद भाजपा के विधायक वेल में आ गए और हंगामा शुरू कर दिया. वहीं सदन के अंदर भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता और इरफान अंसारी ने एक-दूसरे को ललकारा और हंगामा करते हुए आसन के सामने खड़े हो गए और विधायकों को चेतावनी देने लगे.
शशिभूषण मेहता की बॉडी लैंग्वेज से स्पीकर नाराज, कहा -आचरण नहीं जानता है
स्पीकर ने शशिभूषण मेहता के बॉडी लैंग्वेज पर स्पीकर ने कड़ी नाराजगी जताई. शशिभूषण मेहता हाथ दिखा कर बात कर रहे थे. इस पर स्पीकर ने कहा “आचरण नहीं जानते हैं, संसदीय मर्यादा को नहीं समझते हैं.” वहीं विधायक प्रदीप यादव ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने शशिभूषण मेहता को सदन से निष्कासित करने की मांग की.
इससे पहले विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया. भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने चतरा जिला में भारतमाला ग्रीन एक्सप्रेस वे में अधिग्रहण गैरमजरूआ खास जमीन मुआवजा का अविलंब भुगतान करने की मांग की. वहीं झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम राज्य में जल्द पेसा कानून को लागू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे.