Ranchi: दारूल कजा इमारत शरीया रांची के काजी शरीअत मुफ्ती मोहम्मद अनवर कासमी ने कहा कि शबानुल मोअज्जम 1445 हिजरी की 29 तारीख और सोमवार 11 मार्च को रमजान उल मुबारक महीने का चांद रांची व झारखंड समेत देश के विभिन्न स्थानों में आम तौर पर नजर आया है. इस लिए 12 मार्च को रमजान उल मुबारक महीने की पहली तारीख है. उन्होंने कहा कि यही फैसला मरकजी दारुल कजा इमारत शरीया फुलवारी शरीफ पटना का है.
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एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना मोहम्मद कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि 29 शाबान 1445 हिजरी के अनुसार सोमवार 11 मार्च को एदार ए शरीया झारखंड के द्वारा हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार दरगाह, डोरंडा रांची के परिसर में रमजानुल मुबारक का चांद देखने की व्यवस्था की गई. इस के अलावे हजारीबाग, धनबाद, जमशेदपुर, रामगढ , बोकारो, पलामू गढ़वा राजमहल, गोड्डा, गुमला, खूंटी, चतरा, खरसावां, जामताड़ा, मधुपुर, बोकारो, जमशेदपुर, पलामु, लोहरदगा, दुमका, घाटशिला, गोला, बड़का गांव, पांकी, इटखोरी, चास, झरया, डुमरी, समेत 65 जगहों पर रमजान माह का चांद देखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई. रांची और आसपास के इलाकों में आम तौर पर रमजानुल मुबारक का चांद देखा गया. जिस के बाद दरगाह परिसर में दारुल कजा की बैठक हुई. जिसमें काजीयाने शरीयत ने चांद नजर आने की तसदीक किया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 11 मार्च से तरावीह शुरू और रमजानुल मुबारक का पहला रोजा मंगलवार 12 मार्च से शुरू हो रहा है.
ये रहे मौजूद
बैठक में मौलाना मुफ्ती आबिद हुसैन मिसबाही, मुख्य काजी शरीयत, मौलाना मोहम्मद कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना मुफ्ती अनवर हुसैन निजामी, मौलाना मुफ्ती इजाज हुसैन,मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली, कारी मोहम्मद अय्यूब रिजवी, मौलाना मुफ्ती फैजुल्लाह मिसबाही, मौलाना डॉ ताजुद्दीन रिजवी, मौलाना गुलाम फारूक मिसबाही,मौलाना निजामुद्दीन मिसबाही, मुफ्ती मोहम्मद आकिब जावेद, मौलाना शेर मोहम्मद कादरी, मौलाना शमीम, हाजी सईद कोसर, कारी आफताब जिया, कारी अब्दुल मुबीन, कारी मुजीब,अकीलुर्रहमान, मोहम्मद अतीक अहमद आदि शामिल थे.