- जलपाईगुड़ी को जल्द शुरू करने का बनाएंगे दबाव
- रांची रेलमंडल की अनदेखी से कई यात्री संगठन नाराज
- रांची-जयनगर एक्सप्रेस के राउरकेला तक के विस्तार का लगातार विरोध
- यात्री संगठनों का रांची रेलमंडल पर उदासीनता बरतने का आरोप
Ranchi: रेल मंडल रांची के हितों की अनदेखी करने और इसके संसाधनों से आलाधिकारियों की उदासीनता पर शहर के अन्य यात्री संगठन भी गोलबंद हो रहे हैं. रांची जयनगर के राउरकेला तक विस्तार करने के खिलाफ आंदोलन धीरे-धीरे बड़ा रूप ले रहा है. वहीं रांची न्यू जलपाईगुड़ी ट्रेन के बारे में रेल मंडल रांची के अधिकारियों की उदासीनता भी सामने आयी है. यात्री संगठनों के अनुसार रेल मंडल अपने संसाधनों के प्रति संवेदनशील नहीं रही है. इसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. इस ट्रेन के अभाव में यात्रियों को हावड़ा और कोलकाता से पूर्वोत्तर की यात्रा करनी पड़ रही है.
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रेलवे की उदासीनता यात्रियों के लिए बनी परेशानी का सबब
रेल अधिकारियों उदासीनता अब यात्री संगठनों को खटकने लगी है. उनकी नकारात्मक सोच से भविष्य में यात्रियों का और नुकसान हो सकता है. इसलिए अधिकारियों की ऐसी सोंच को खत्म करने के लिए आंदोलन करने की तैयारी है.
शहर के एक बड़े संगठन विद्यापति स्मारक समिति ने फरवरी के पहले सप्ताह में इस मुद्दे पर बैठक करेगी. इसकी वह पहले ही घोषणा कर चुकी है. बैठक में रांची जयनगर एक्सप्रेस के विस्तार के विरूद्ध सिलसिलेवार आंदोलन की रणनीति बनायी जा सकती है.
ये संगठन भी करेंगे विरोध
रेल मंडल पर यात्रियों के हितों की रक्षा करने की पूरी जिम्मेवारी होती है. रांची जयनगर एक्सप्रेस या फिर रांची न्यू जलपाइगुरी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की सुविधाएं स्वयं रेलवे ही प्रभावित कर रही है. यह गंभीर मामला है. निश्चित ही ऐसे मामलों का विरोध होना चाहिए. झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन इस मामले में होने वाले आंदोलन का पूरा साथ देगी.
राजेन्द्र सरावगी, अध्यक्ष, झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन
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झारखंड के यात्री संगठनों के किए गए आंदोलनों के बाद ही दोनों ट्रेनें हमें मिली. अब किसी न किसी बहाने इसे हड़पने की साजिश की जा रही है. ऐसा हम हरगिज होने नहीं देंगे. पिछले कुछ वर्षों से आम बजट में नयी ट्रेनों का जिक्र नही होता. पहले रेल बजट में इसकी घोषणाएं होती थी.
प्रेम कटारुका, सदस्य, डीआरयूसीसी
दोनों ट्रेनें रांची से ही चलायी जाएगी और उसके फेरे भी बढ़ाए जाएंगे. जब अन्य रेल मंडल की ट्रेनें रांची तक नहीं आने दी जा रही तो यहां की ट्रेनों को फिर क्यों छीना जा रहा है. रेल अधिकारी इसमें पूरी तरह से शामिल हैं. वह दोषी हैं. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके लिए भी आंदोलन किया जाना चाहिए.
अरुण कुमार झा, झारखंड मैथिली मंच
रांची की उत्तराखंड और वहां के शहरों से रेल कनेक्टिविटी नहीं है. छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन पिछले 25 वर्षों से भी अधिक समय से गंगा सतलज को रांची तक विस्तारित करने के लिए आंदोलन चला रहा है. यह ट्रेन उत्तराखंड भी जाती है. लेकिन धनबाद मंडल ने इसे रांची तक नहीं आने दिया. तो ऐसे में हम अपनी ट्रेनें यहां से बाहर क्यों जाने दें.
संदीप नागपाल, छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन
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