Bhopal : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 10 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम तय कर दिया. विधायकों की बैठक के बाद आदिवासी समुदाय से आनेवाले कुनकुरी के विधायक विष्णु देव साय के नाम पर मुहर लगी. लेकिन अभी दो राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश के सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकार है. इस बीच खबर आ रही है कि आज मध्य प्रदेश के सीएम का नाम फाइनल हो सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायक दल की आज बैठक होने वाली है. बैठक शाम 4 बजे शुरू हो सकती है. वहीं शाम 7 बजे तक सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है.
विधायकों से चर्चा के बाद आलाकमान लगायेंगे सीएम के नाम पर मुहर
केंद्रीय पर्यवेक्षक हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा भोपाल में नव निर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करने वाले हैं. तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आज शाम 4 बजे से पहले भोपाल पहुंचने की उम्मीद है. दिल्ली से केंद्रीय पर्यवेक्षक के लक्ष्मण ने कहा कि आज शाम विधायक दल की बैठक होगी. मनोहर लाल खट्टर की 3 सदस्यीय कमेटी विधायकों से चर्चा करेगी. बाद में आलाकमान उस पर निर्णय लेंगे.
#WATCH दिल्ली: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के चयन पर राज्य के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक के लक्ष्मण ने कहा, “आज शाम विधायक दल की बैठक होगी। मनोहर लाल खट्टर की 3 सदस्यीय कमेटी विधायकों से चर्चा करेगी। बाद में आलाकमान उस पर निर्णय लेंगे।” pic.twitter.com/YTpvmmRyiT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2023
6 लोग माने जा रहे हैं मुख्यमंत्री पद दावेदार
गौरलतब है कि भाजपा ने 17 नवंबर को 230 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में से 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी. जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही. इस बार भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किये बिना ही विधानसभा चुनाव लड़ा. चौहान 2005, 2008, 2013 और 2020 चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर टिका था.ऐसे में इस बार चौहान के अलावा ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं.
भाजपा ने 2004 के बाद से तीसरी बार एमपी में भेजे हैं पर्यवेक्षक
भाजपा ने मध्य प्रदेश में वर्ष 2004 के बाद से तीसरी बार केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. सबसे पहले अगस्त 2004 में जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था. नवंबर 2005 में जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था. वहीं इस बार मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा जा रहा है. जो नवनिर्वाचित विधायकों से चर्चा के बाद सीएम के नाम पर मुहर लगा सकते हैं.
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