Mumbai : बिजनसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर कार में विस्फोटक पाये जाने के मामले में नये-नये खुलासे हो रहे है. अब इसके तार तिहाड़ जेल से जुड़ते दिख रहे हैं. एक प्राइवेट साइबर एजेंसी के अनुसार जैश उल हिंद से जुड़ा टेलीग्राम लिंक तिहाड़ जेल में ही बना था. बता दें कि आतंकी संगठन जैश उल हिंद ने ही मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली एसयूवी खड़ी करने की जिम्मेदारी ली थी.
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जांच एजेंसी ने प्राइवेट साइबर फर्म से मांगी थी मदद
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसी ने एक प्राइवेट साइबर फर्म से उस फोन की लोकेशन की जानकारी खंगालने को कहा था, जिसके जरिये टेलीग्राम चैनल क्रिएट किया गया था. हालांकि साइबर एजेंसी का नाम सामने नहीं आया है.
खबर है कि उस प्राइवेट साइबर एजेंसी की रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ शेयर की है. रिपोर्ट के अनुसार यह टेलीग्राम चैनल 26 फरवरी को दोपहर करीब 3.20 बजे क्रिएट किया गया. इसी क्रम में 27 फरवरी की रात इस टेलीग्राम चैनल के जरिये अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली गयी.
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जैश उल हिंद अपनी भूमिका से इनकार किया था
हालांकि 28 फरवरी को जैश उल हिंद ने दूसरे टेलीग्राम चैनल से यह संदेश दिया कि विस्फोटक कार पार्क करने वाला संदेश उन्होंने नहीं लिखा था. उसने इस घटना में अपनी भूमिका होने से इनकार किया था. पुलिस को आशंका है कि यह संदेश देश के बाहर से भेजा गया है. हालांकि पुलिस को लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं मिली.
तिहाड़ वाले मैसेज में पैसे मांगे गये थे
कथित रूप से तिहाड़ से भेजे गये संदेश में व्हीकल को पार्क करने की जिम्मेदारी के साथ ही अंबानी से पैसे की मांग की गयी थी. इसमें एक क्रिप्टोकरंसी पेमेंट का लिंक भी था. मुंबई पुलिस की जांज में सामने आया कि यह लिंक काम नहीं कर रहा है. मैसेज में लिखा गया था कि यह सिर्फ ट्रेलर है अभी बड़ी पिक्चर आना बाकि है.
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जांच की जिम्मेदारी एनआईए के हवाले
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को अंबानी बम कांड मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी. एनआईए ने महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) से जांच का जिम्मा अपने हाथों ले लिया. केंद्रीय एजेंसी अब वह मनसुख हिरेन की मौत सहित पूरे मामले की जांच कर रही है. पिछले सप्ताह उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट मिले विस्फोटक से लदे वाहन के मालिक हिरेन मनसुख का शव ठाणे में एक नाले के किनारे पड़ा मिला था.