Shruti Singh
Ranchi: नामकुम के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पर अनाज आपूर्ति करनेवाले ठेकेदार को डरा-धमका कर पांच लाख रुपये वसूलने की बात सही पायी गयी. मामले की जांच कर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने दोषी प्रखंड विकास पदाधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा की है. उन्होंने उपायुक्त को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में प्रखंड विकास पदाधिकारी की कारगुजारियों का उल्लेख करते हुए वसूले के रुपये लेने की वीडियो भी समर्पित किया है, जिसमें बीडीओ पैसों के लेन-देन की पुष्टि होती है.
इसे पढ़ें-चाईबासा : कराटे खिलाड़ियों को गुमराह करना बंद करे तथाकथित लोग – कैज
अनाज आपूर्ति करनेवाले ठेकेदार ने की थी शिकायत
पीडीएस डीलर को अनाज आपूर्ति करने वाले ठेकेदार संजीत कुमार यादव ने 26 मार्च 2022 को जिला आपूर्ति पदाधिकारी से नामकुम बीडीओ के खिलाफ लिखित शिकायत की थी. शिकायत में कहा था बीडीओ नामकुम द्वारा अवैध पैसे की मांग की जा रही है, नहीं देने पर शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है. आरोप के मुताबिक, जनवरी महीने में बीडीओ को पांच लाख रुपये दिये गए थे, जिसकी वीडियो क्लिपिंग भी शिकायत के साथ सौंपी गयी थी.
बीडीओ पर आरोप है कि मार्च 2022 में भी पांच लाख रुपये उन्हें दिए गए. शिकायत में बताया गया था कि रुपये नहीं देने की पर एफआईआर दर्ज करा कर ब्लैकलिस्टेड करने की धमकी दी गई थी. ठेकेदार संजीत कुमार यादव 24 मार्च 2022 को मनीष टीप्पो नामक डीलर के यहां अनाज भेजा, लेकिन कम अनाज मिलने की कथित शिकायत और शंका पर बिना विहित प्रक्रियाओं का पालन किए ही बीडीओ और खरसीदाग ओपी प्रभारी द्वारा 25 मार्च 2022 को अनाज तौला गया और 22 क्विंटल चावल और गेहूं कम मिलने की बात कहते हुए डीलर मनीष टोप्पो से उनके एफआईआर दर्ज करा दी थी. बीडीओ ने इन कार्यकलापों की जानकारी न जिला आपूर्ति पदाधिकारी को, बल्कि अन्य किसी वरीय पदाधिकारी को भी नहीं दी थी.
इसे भी पढ़ें-धनबाद: युवा कांग्रेसियों ने अग्निपथ योजना के विरोध में किया पीएम का पुतला दहन
जांच में आरोप सही पाए गए
जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा पूरे मामले की जांच करायी गयी. जांच के दौरान 13 लोगों का बयान भी दर्ज किया गया. जिन लोगों के बयान दर्ज किए गए, उससे इस बात की पुष्टि हुई कि बीडीओ द्वारा डरा धमका न सिर्फ रुपये की मांग की गई, बल्कि दबाव डाल कर रुपये लिए भी गए.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने मामले की जांच के दौरान वीडियो क्लीपिंग की भी पुष्टि करायी. इसकी पुष्टि विरजू राम और अंकित कुमार (सहायक गोदाम प्रबंधक, नामकुम) से भी करायी गयी. इसमें संवेदक द्वारा पांच लाख) रुपये देने की बात कही जा रही है.
जांच के दौरान क्या-क्या जानकारियां मिलीं
12.10.2021 को मिथिलेश कुमार सिन्हा, वीएलडब्ल्यू को प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी नामकुम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा बीडीओ के दबाव में काम करने का अंदेशा अधोहस्ताक्षरी को था. अतः अधोहस्ताक्षरी द्वारा सिन्हा को सख्त हिदायत भी दी गई थी.
- बीडीओ नामकुम द्वारा प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से अवैध रुपये की मांग की गयी. आवेदकों द्वारा इसे नजरअंदाज किये जाने पर उन्हें दबाव बनाते हुए कार्यालय बुलाकर सीधे धमकी भी दी जाने लगी. पूछ-ताछ में इस बात की भी पुष्टि होती है कि समीउल्लाह खान (डीलर ) प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, नामकुम के साथ मिलकर बीडीओ के इशारे पर कार्य करते हैं और अवैध राशि की उगाही किया करते हैं.
इसे भी पढ़ें-गठबंधन मजबूत हो, इस पर तो झारखंड कांग्रेस नेताओं का जोर, पर आंतरिक संगठन कमजोर हो रही इसकी नहीं दिखती कोई चिंता
जांच में यह बी पता चला कि बीडीओ के डर से आवेदकों द्वारा रुपयों की व्यवस्था की गई और उन तक पहुंचाया गया और इस प्रक्रिया की वीडियो क्लीपिंग तैयार की गयी, जिसकी पुष्टि होती है.
प्रतिमाह रुपये नहीं देने पर बीडीओ द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने संबंधी आरोपों की भी पुष्टि होती है. माह मार्च 2022 में रुपये नहीं देने पर बीडीओ द्वारा विभागीय पदाधिकारियों को सूचित किए बिना सीधी कार्रवाई पर उतरना, उनके द्वारा किये गये भयादोहन का स्पष्ट द्योतक.
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बीडीओ द्वारा अपनी सीमाओं को लांघते हुए स्थानीय पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य व्यक्तियों के साथ डीलर के दुकान में रखे गये खाद्यान्न का 24 घंटे के बाद तौलवाने की कार्रवाई का फोटो ग्रुपों में शेयर कर अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए सभी जन वितरण प्रणाली दुकानदार एवं इससे जुड़े लोगों को डराने की भी पुष्टि होती है.
जांच के क्रम में इस बात की भी पुष्टि होती है कि बीडीओ द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए पीडीएस डीलर और पीडीएस कर्मियों में भय एवं दहशत फैलाकर प्रतिमाह अवैध वसूली की व्यवस्था करने के लिए किया गया है.