Kolkata : नंदीग्राम में टीएमसी सुप्रीमो सीएम ममता बनर्जी की हार को लेकर मतगणना में धांधली किये जाने की जांच संबंधी याचिका पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की अदालत में हुई. खबर है कि सुनवाई में सीएम ममता बनर्जी वर्चुअल माध्यम से हाजिर रहीं.
बता दें कि सुनवाई के क्रम में ममता बनर्जी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायाधीश कौशिक चंद की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मामले को अदालत से स्थानांतरित करने की अपील की. साथ ही न्यायाधीश से मामले से हट जाने का आग्रह किया. हालांकि इस पर न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए सवाल किया, जब वकील राजनीतिक दल के सदस्य हो सकते हैं, तो फिर जज क्यों नहीं?
जान लें कि नंदीग्राम में भाजपा नेता और ममता के पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1957 वोटों से हराया है. अपनी हार को लेकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मतगणना में धांधली की गयी थी. कहा कि अधिकारी को शुभेंदु अधिकारी और उनके सहयोगियों ने धमकी दी थी
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न्यायाधीश पर भाजपा के साथ संपर्क का आरोप
बता दें कि पूर्व की सुनवाई में न्यायमूर्ति चंद्रा ने कहा था कि नियमानुसार याचिका लगाने वाले को कोर्ट में मौजूद रहना पड़ता है तो क्या मुख्यमंत्री कोर्ट में हाजिर होंगी? इसके बाद मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर टीएमसी ने दावा किया था कि न्यायाधीश भाजपा समर्थक हैं. आज गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में ममता बनर्जी की ओर से प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा. साथ ही अदालत को जानकारी दी कि सीएम खुद वर्चुअल माध्यम से उपस्थित हैं.
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न्यायाधीश ने मामला स्थातांरित करने की याचिका पर आर्डर स्थगित रखा
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा को कलकत्ता हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना बाकी है. ममता बनर्जी ने इस तरह की पुष्टि के लिए अपनी आपत्तियों से अवगत कराया है. न्यायाधीश ने कहा कि 18 जून को मामला दायर किया था, लेकिन उस समय किसी ने मामला स्थानांतरित करने की अपील नहीं थी. बता दें कि निष्पक्षता के आरोप पर न्यायाधीश ने सिंघवी ने पूछा कि आप कांग्रेस से हैं.
आप पर विश्वास किया जा सकता है, तो उन (न्यायाधीश) पर क्यों विश्वास नहीं किया जा सकता. जब एक वकील राजनीतिक दल का सदस्य हो सकता है, तो फिर एक जज क्यों नहीं? बता दें कि न्यायधीश ने अभी मामला स्थातांरित करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित रखी है.
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