Shubham Kishore
Ranchi: जिस उम्र में लोग खुली आंखों से देखकर पढ़ नहीं पाते, उस उम्र में आंखें बंद कर पढ़ने कि बात पर यकीन कर पाना मुश्किल है. रांची के बरियातू निवासी अरुण प्रसाद और पुष्पा प्रसाद की 12 वर्ष की बेटी दुर्गेश नंदिनी बंद आंखों से वो सब कर सकती हैं जो खुली आंखों से किया जा सकता है. नंदिनी ब्लाइंड् फोल्ड होकर ऐसे पढ़ती हैं जैसे उसकी आंखें खुली हों. पढ़ने के साथ रंगों की पहचाना और नोट की पहचान सकती हैं. साथ ही अगर हाथ में मोबाइल हो और उसका स्क्रीन ऑफ हो तो भी पता चल जाता है कि स्क्रीन ऑफ है. डीपीएस रांची के क्लास 6 में पढ़ने वाली नंदिनी ने ऋषिकेश के टीचर अनुराग से ऑनलाइन क्वांटम रीडिंग इन ब्लाइंड फोल्ड का कोर्स किया है. जिससे बिना देखे पढ़ने के अलावा रंगों को पहचान पाती हैं.
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नंदिनी ने बताया कि उसने 6 महीने पहले ही ये कोर्स करना शुरू किया है. जिसमें मेडिटेशन के जरिए पढ़ना सिखाया जाता है और अभी उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है. नंदिनी बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. जिससे वो गरीबों का निःशुल्क इलाज कर सकें. साथ ही आईएएस बनने का भी सपना है. नंदिनी की मां ने बताया कि इस क्वांटम कोर्स से उनकी बेटी एडवांस हो रही है. परिवार के लोग भी काफी खुश हैं.
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