NewDelhi : मोदी जी और अरनव में सेटिंग बहुत जबरदस्त है. जाने-माने वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए यह बात कही है. बता दें कि वीडियो में पीएम मोदी रिपब्लिक टीवी के एक कार्यक्रम में अर्नब की तारीफ करते हुए दिख रहे हैं.
“अब आप हमारे अर्बन यानी अरनब को ही देख लीजिए..”: यह तो मानना पड़ेगा कि मोदी जी और अरनव में सेटिंग बहुत जबरदस्त है। ऐसे में लाजमी है, एक दूसरे से सब सूचना शेयर करेंगे। pic.twitter.com/1SnakNFmf5
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 19, 2021
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अब आप हमारे अर्बन यानी अरनव को ही देख लीजिए
वीडियो शेयर करते हुए भूषण ने लिखा,अब आप हमारे अर्बन यानी अरनव को ही देख लीजिए.. यह तो मानना पड़ेगा कि मोदी जी और अरनव में सेटिंग बहुत जबरदस्त है. ऐसे में लाजमी है, एक दूसरे से सब सूचना शेयर करेंगे.
वीडियो में पीएम मोदी कहते दिख रहे हैं कि हमारे अर्नब को ही देख लीजिए उसका टीवी शो देख लीजिए. इतनी लंबी चौड़ी विंडो बनाकर इतने सारे गेस्ट बुलाकर अर्नब की अदालत शुरू होती है ये कम रिस्की थोड़े ही है. अर्नब के मेहमान भी उनके शो पर आने का रिस्क तो उठाते ही हैं. अर्नब ने चुनौती स्वीकार की इसलिए वे ऐसा नेटवर्क सेटअप कर पाये.
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प्रशांत भूषण ने सिंघू बॉर्डर के पास किसान संसद बुलाई
बता दें कि प्रशांत भूषण ने अपनी ओर से पहल करते हुए सिंघू बॉर्डर के पास किसान संसद बुलाई है. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा, इस समय देश में किसानों का इतना बड़ा आंदोलन चल रहा है. जो कि पूरी तरह से अप्रत्याशित है. सरकार ने ये तीन कानून बिना किसी पारदर्शिता के बगैर किसी चर्चा के बगैर संसद में चर्चा के, बगैर स्थायी समिति को भेजे बगैर पूरी तरह से वोटिंग के पास करा दिये.
प्रशांत भूषण ने कहा, फिर से कानून पर बात न हो सके इसके लिए सरकार शीतकालीन सत्र भी नहीं होने दे रही है. इसलिए आज जरूरत है कि किसान संसद बुलाई जाये जिसमें किसानों के आंदोलन और कृषि कानूनों पर खुली चर्चा हो सके.
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अगर भाजपा के सांसद इसमें आना चाहते हैं तो वे भी आ सकते हैं.
प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर भाजपा के सांसद इसमें आना चाहते हैं तो वे भी आ सकते हैं. हालांकि भाजपा सरकार उनको ऐसा करने से रोकती है तो फिर ये गलत बात होगी. सांसदों को आमंत्रित किया गया है. प्रशांत भूषण ने कहा कि भले ही किसान संसद के जरिए किसानों की समस्या का समाधान न हो लेकिन इससे किसानों के मुद्दे सामने आयेंगे.
उन्होंने कहा कि काफी समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है जिसमें कि कोई हिंसा नहीं हुई. अब सरकार को ऐसा क्यों लग रहा है कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड निकालेंगे तो हिंसा हो जायेगी?