NewDelhi : NEET PG कोर्स में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए रिजर्वेशन मामले में केंद्र की मोदी सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस साल वह 8 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले अभ्यर्थियों को कोटे का लाभ देना चाहती है. गुहार लगायी है कि कोर्ट इसे कम से कम इस साल के लिए मंजूरी दे दे. जिससे दाखिले के लिए काउंसिलिंग शुरू की जा सके.
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एडमिशन प्रक्रिया का पहला चरण परीक्षा के साथ पूरा हो गया है
खबरों के अनुसार कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने दलील दी है कि एडमिशन प्रक्रिया का पहला चरण परीक्षा के साथ पूरा हो गया है. चिंता जताई है कि जारी प्रक्रिया के बीच EWS के मानदंड में बदलाव करना पेचीदगी बढ़ाने वाला कदम होगा. इस क्रम में एक्सपर्ट कमेटी ने भी सिफारिश की है कि अगले साल सालाना 8 लाख रुपये आय वाले मानदंड को रिवाइज किया जा सकता है. कहा है कि इस बार इसी आधार पर दाखिला शुरू करने को कोर्ट मंजूरी दे.
कमेटी का भविष्य के लिए सुझाव है कि EWS कोटे के लाभ के लिए परिवार की 8 लाख रुपये तक सालाना आय के साथ उन परिवारों के उम्मीदवारों को भी जोड़ा जायेगा, जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है. अगली सिफारिश में साफ होगा कि जिन परिवारों के पास 5 एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है उनको EWS कोटे से बाहर रखा जायेगा या नहीं, चाहे कृषि भूमि पर फसल से उनको कितनी भी आमदनी होती हो.
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छह जनवरी को होगी अगली सुनवाई
केंद्र सरकार ने 25 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 8 लाख रुपये तक सालाना आय की सीमा तय करने पर उठाए गए सवालों और पेचीदगी की लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाई जायेगी जो एक महीने में सिफारिश देगी. इसके बाद काउंसलिंग शुरू की जायेगी. इसी के चलते अगली सुनवाई 06 जनवरी को तय की गयी है बता दें कि केंद्र सरकार ने 30 नवंबर को वित्त सचिव अजय भूषण पांडे की अगुआई में कमेटी का गठन किया था.
ICSSR के सदस्य सचिव प्रोफेसर वीके मल्होत्रा और सरकार के प्रमुख वित्तीय सलाहकार संजीव सान्याल अन्य सदस्य हैं. सरकार ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि याचिकाएं दाखिल होने के बाद कोर्ट ने उन पर सुनवाई करते हुए काउंसलिंग पर रोक लगा रखी है, इसलिए मौजूदा नियम शर्तों और मानदंडों पर काउंसलिंग की इजाजत दी जानी चाहिए. कमेटी ने अगले सत्र के लिए इनमे समुचित व्यावहारिक बदलाव करने की बात कही है.