Jyoti Kumari
Ranchi: अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 8,228 योजनाओं के साथ नयी खेल नीति की भी घोषणा की. राज्य में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस नई नीति में कई बदलाव किये गये हैं. नीति में कहा गया है कि खेलों को डोपिंग से मुक्त रखने के लिए कानून लागू किये जायेंगे. खेलों को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट जगत का भी सहारा लिया जायेगा.
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क्या है झारखंड खेल नीति 2020 का उद्देश्य ?
नयी खेल नीति में खिलाड़ियों, खासकर राज्य के परंपरागत खेलों को प्रोत्साहित किया जायेगा. साथ ही खेल नीति को और आकर्षक बनाया गया है, ताकि बच्चे और युवा खेलों को कैरियर के रूप में अपना सकें. राज्य के सभी खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा. नेशनल लेवल के खिलाडियों की पहचान कर उनकी आर्थिक मदद की जायेगी. नयी खेल नीति में खेल पर्यटन को भी बढावा देने की बात कही गई है. राज्य सरकार ने हर उम्र के लोगों के लिए खेल और शारीरिक गतिविधियों के लिये माहौल तैयार करने को अपनी खेल नीति में शामिल किया है.
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नई खेल नीति की खास बातें
नीति में खेलों को तीन भागों में बांटा गया है. एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, फुटबाल, बैडमिंटन, कुश्ती और कबड्डी की ऐसे खेलों की रूप में पहचान की गयी है, जिनमें राज्य के खिलाड़ी बेहतर कर सकते हैं. वुशु, बॉलीबाल और दिव्यांग खेलों को मध्यम वर्ग में रखा गया है. निम्न वर्ग में मुक्केबाजी, खो-खो जैसे अन्य खेलों को रखा गया है. खिलाडियों की प्रतिभा को बढावा देने के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर कार्य किया जायेगा. इस नीति के तहत पूर्व खिलड़ियों को पेंशन योजना का लाभ दिये जाने की बात भी कही गयी है. खेल नीति में खिलाडियों और कोच को जयपाल सिंह मुंडा अवार्ड दिये जाने की भी बात है.
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बिना मान्यता नहीं मिलेगा अनुदान
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त खेल संघों को ही खेल विभाग की ओर से अनुदान दिया जायेगा. अनुदान के लिए संघों को खेल विभाग से मान्यता लेनी होगी. साथ ही किसी भी खेल के अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए अधिकतम राशि एक करोड़ निर्धारित की गयी है. इसी तरह अन्य स्तर के खेलों के लिए भी सरकार सहायता राशि देगी.
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दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए समान अवसर
झारखंड खेल नीति के तहत दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान रूप से अवसर और प्रोत्साहन दिया जायेगा. दिव्यांग खिलाड़ियों को जिला स्तर पर स्टेडियम की सुविधा दी जायेगी. पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया जायेगा.
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