NewDelhi : न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने नये कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों द्वारा निकाली गयी ट्रैक्टर रैली के कवरेज के क्रम में मीडिया कर्मियों पर कथित हमले और उनके उपकरणों को तोड़ने की कड़ी निंदा की है. एनबीए ने बयान जारी कर कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों ही पिछले दो महीनों के दौरान निष्पक्ष, संतुलित तरीके से दिल्ली के बाहरी इलाके में किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि एनबीए नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों द्वारा 26 जनवरी को निकाली गयी ट्रैक्टर रैली के कवरेज के दौरान मीडिया कर्मियों पर हमले और उनके उपकरणों को तोड़ने की कड़ी निंदा करता है.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला : अयोग्य घोषित विधायक को विधान परिषद में मनोनीत कर मंत्री नहीं बनाया जा सकता
हिंसा का उपयोग लोकतंत्र की आवाज और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान
बयान के अनुसार मंगलवार की ट्रैक्टर रैली को कवर करने वाले मीडियाकर्मी सूचना एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए प्रसारित करने के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे. उनके खिलाफ बल और हिंसा का कोई भी उपयोग लोकतंत्र की आवाज और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान है.
इसे भी पढ़ें : लाल किला हिंसा और धार्मिक झंडा लगाने के मामले में राजद्रोह का केस दर्ज
अराजक तत्वों की पहचान की जानी चाहिए
इस क्रम में एनबीए ने मांग की कि पत्रकारों पर हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या अराजक तत्वों की पहचान की जानी चाहिए और कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए ,क्योंकि ये तत्व मीडियाकर्मियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से बाधित कर रहे थे और संविधान में निहित उनके अधिकारों को रौंद रहे थे.
उधर, राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटना के एक दिन बाद, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होना चाहिए तथा केंद्र के साथ साथ विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को समाधान तक पहुंचने के लिए बातचीत का रास्ता खुला रखना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : किसान आंदोलन : राजदीप सरदेसाई, शशि थरूर, मृणाल पांडेय सहित कई पत्रकारों पर राजद्रोह का केस दर्ज होने की खबर