Mumbai : मुंबई से एक बड़ी खबर आयी है. खबर यह है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की एनसीपी चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व CM शरद पवार से मुलाकात हुई है. अडानी ने मुंबई में पवार से मुलाकात उनके आवास सिल्वर ओक में की है. राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात की काफी चर्चा है, यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब हाल ही में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुद्दे पर शरद पवार अडानी के समर्थन में आये थे. नेशनल खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप
मामले की तह में जायें तो अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम हो गये. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक करार दिया था. उनका दावा था कि जनता को गुमराह किया गया है.
विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथो हाथ लेते हुए मोदी सरकार और गौतम अडानी पर हल्ला बोल दिया.
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बजट सत्र में अडानी मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ
बता दें कि अडानी- अडानी के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. बजट सत्र में अडानी मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया. हालांकि शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लेकर विपक्ष को सकते में डाल दिया.
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सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गयी हैं
इस संबध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गयी हैं. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मार्च में एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश जारी किया था. इस कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे कर रहे हैं.
शरद पवार ने एक चैनल को दिये इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अडानी का सपोर्ट किया था.
JPC की मांग को बेमतलब, यह निष्पक्ष नहीं रह सकती
पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को बेमतलब का करार दिया था. कहा था कि यह निष्पक्ष नहीं रह सकती. दलील दी थी कि 21 में 15 सदस्य सत्ता पक्ष के होंगे. शरद पवार के बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना था कि एनसीपी का अपना स्टैंड हो सकता है, लेकिन 19 विपक्षी पार्टियां मानती हैं कि अडानी मुद्दा गंभीर है.
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