Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों बांदना और सोहराय पर्व की धूम चरम पर है. बांदना के अवसर पर किसान बैलों की पूजा करते हैं. पूजा के तीन दिन पहले से गाय व बैलों को अच्छी तरह से नहलाया जाता है. इसके बाद शाम को उनके सिंग पर सरसों का तेल लगाया जाता है. शाम को बैलों की पूजन के साथ उनकी आरती उतारी जाती है. इसके दूसरे दिन गोशाला की अच्छी तरह से सफाई कर पूजा की जाती है. अंतिम दिन पारंपरिक नृत्य व बैल खुंटाव का आयोजन किया जाता है. इसमें बैलों को आकर्षक रूप से सजा कर नचाया जाता है. बांदना पर्व के दौरान पशुधन के अलावा कृषि यंत्रों को धान का मोड़ यानी मुकुट पहनाया जाता है. धान की बाली से बने मोड़ पहनाने के पीछे का उद्देश्य होता है कि जिस अनाज को जिन गाय-बैल व कृषि यंत्रों की बदौलत उपजाया गया है, उसे सबसे पहले उसी के सिर पर चढ़ा कर उन्हें समर्पित किया जाता है. इस दिन शाम में घर के सभी गाय, बैल व भैंस के सींग पर तेल लगाया जाता है. महिलाएं उसे चुमान बंदन कर अनका आभार जताती हैं. समाज में यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है.
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गरइआ पूजा का विशेष महत्व
गरइआ पूजा बांधना पर्व का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस दिन घर के किसान दंपत्ति उपवास रहते हैं. घर-आंगन की साफ-सफाई के बाद महिलाएं चावल का गुड़ी कुटती हैं. फिर अलग से चूल्हा बनाकर उसे गाय के दूध से मिलाकर का पीठा छांकती हैं. किसान घर के खेती-बाड़ी में प्रयोग होने वाले हल समेत अन्य औजारों की पूजा घर के बाहर तुलसी ढीपा में करते हैं. इसके बाद गोहाल यानी गोशाला में गरइया पूजा की जाती है. इस दौरान कहीं-कहीं मुर्गा की बलि दी जाती है. इसके बाद चावल के गुड़ी को घोल कर चौक पूरा जाता है यानि अल्पना बनाया जाता है. इसमें सबसे पहले चौक के शीर्ष भाग में गोबर रखा जाता है। उसके ऊपर एक सोहराय घास देकर सिंदूर का टीका लगाया जाता है. इसके बाद एक बछिया से उसे लंघवाया जाता है.
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ढोल-नगाड़ों की थाप पर नचाए जाएंगे बैल
वहीं, सोहराई पांच दिनों का त्योहार है, जो कार्तिक अमावस्या से प्रारंभ होकर पांच दिनों तक चलता है. पर्व के पहले दिन गोट पूजा किया जाता है. शाम को महिलाएं गाय बैलों का चुमावन करती है. इस दिन ढेंगवान के द्वारा ढोल, नगाड़े के साथ बांदना गीतों से गाय-बैलों को जगाया जाता है. दूसरे दिन दाकाई माहा में पूजा-अर्चना की जाती है. जबकि तीसरे दिन गोरू खूंटा का आयोजन किया जाता है. इसमें आकर्षक रूप से सजाए गए बैलों को एक मजबूत खूंटे से बांधकर मांदर, ढोल व नगाड़े की ताल पर बांदना गीतों की धुन पर नचाया जाता है. चौथे दिन जाजले माहा और पांचवें दिन सोड़े माहा मनाया जाता है.
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चांडिल : धूमधाम से मनी दीपावली, रोशनी से जगमग हुआ अनुमंडल
Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में धनतेरस के साथ ही दीपावली का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. दीपावली के दिन रविवार को लोग अपने-अपने घर और दुकान को आकर्षक रूप से रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों और झालरों से सजाया था. पूरे अनुमंडल क्षेत्र में दीपों की रोशनी से वातावरण रोशन हो गया था. दीपों के प्रकाश से समूचा अनुमंडल जगमग हो गया. चारों ओर दीपावली का उल्लास था. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई. देर रात तक चली आतिशबाजी के दौर से आसमान में सतरंगी छटा छा गई. छोटे-छोटे बच्चों के साथ वयस्कों ने भी आतिशबाजी कर त्योहार का आनंद लिया. दीपावली के अवसर पर दिन में लोगों ने सुबह मंदिरों में पूजा अर्चना की. फिर शाम को परिवार के साथ घरों में विधि विधान से मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की पूजा की. दुकान व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर मूर्ति स्थापित की गई.
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विधि-विधान से पूजी गई मां काली
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में दीपावली के साथ काली पूजा भी धूमधाम से मनाई गई. कई स्थानों पर देर रात तक पूजा होती रही और श्रद्धालु भक्ति भाव से मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते रहे. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को निशा रात्रि में मां काली का आवाहन और विसर्जन करने की परंपरा है. तंत्र विद्या से जुड़े लोग काली पूजा के दौरान विशेष साधना कर सिद्धी प्राप्त करते हैं. अनुमंडल क्षेत्र के फदलोगोड़ा स्थित वनदेवी काली मंदिर, चिलगु, चावलीबासा, बड़ामटांड, रघुनाथपुर, गौरांगकोचा, टीकर समेत कई स्थानों में मां काली की पूजा-अर्चना परंपरा के अनुसार किया गया. इसके बाद भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया. इसके अलावा भक्तों ने अपने-अपने घरों में भी मां काली की पूजा की. कई स्थानों में बलि भी दिया गया.
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चांडिल : बैठक में श्री श्याम जन्मोत्सव की तैयारियों पर हुई चर्चा
Chandil (Dilip Kumar) : श्री श्याम कला भवन की ओर से 23 नवंबर को आयोजित 27वां श्री श्याम जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को श्री श्याम कला भवन चांडिल के सदस्यों की बैठक श्याम मंदिर में हुई. मौके पर श्री श्याम जन्मोत्सव की तयारियों को लेकर विचार-विमर्श किया गया. मौके पर अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि वर्ष 1997 में चांडिल के दिवंगत राधेश्याम शर्मा, दिवंगत प्रह्लाद जालान, प्रभु दयाल बागड़िया, भगवान जालान, राजेश पसरी, दुर्गा चौधरी सहित अन्य श्याम प्रेमियों के द्वारा श्री श्याम जन्मोत्सव का आयोजित किया गया था. उस वक्त आयोजन छोटा सा पौधा था, लेकिन आज लगातार 26 वर्षो का सफर तय कर विशाल वट वृक्ष बन गया है.
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तीन दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
बैठक में अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय श्याम जन्मोत्सव का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के प्रथम दिन बाबा श्याम का निशान यात्रा निकाला जाएगा, जो श्याम मंदिर से प्रारंभ होकर चांडिल बाजार का भ्रमण करेगा और वापस मंदिर पहुंचकर समाप्त होगा. आयोजन के दूसरे दिन बाबा श्याम का जन्मोत्सव एवं विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में जयपुर, इलाहाबाद व दिल्ली के कलाकारों के द्वारा भजनों की अमृत वर्षा की जायगी. वहीं आयोजन के तीसरे दिन भंडारा का आयोजन किया गया है. संजय चौधरी ने बताया कि वैसे तीनों दिन भंडारा का आयोजन किया गया है. बैठक में मुख्य रूप से दुर्गा चौधरी, राजीव साव, पवन जालान, अश्विनी शर्मा, रोहित चौधरी, मोंटी चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे.
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गुड़ाबांदा : करंट के चपेट में आने से युवक गंभीर, एमजीएम रेफर
Gudabanda (Sanat Kumar Pani) : गुड़ाबांदा प्रखंड क्षेत्र के चिरूगोड़ा गांव के जोजोडीह टोला में सोमवार को बिजली बनाने के दौरान करंट की चपेट में आने से रविदास हेंब्रम 25 नामक एक युवक बुरी तरह झुलस गया. इलाज के लिए उसे धालभूमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया.
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डॉक्टर ओमप्रकाश चौधरी ने उसका प्राथमिक उपचार किया और स्थिति को नाजुक देखते हुए बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया. ग्रामीणों के मुताबिक रविदास हेंब्रम बिजली ठीक कर रहा था. इसी दौरान उसे करंट लग गया और वह झुलस गया.
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मनोहरपुर : सीढ़ी से गिरने से रिटायर्ड हेल्थकर्मी की मौत
Manoharpur (Ajay Singh) : रविवार को दीप जलाने के दौरान रिटायर्ड हेल्थकर्मी एवं समाजसेवी 78 वर्षीय परिन्दर महतो की वीती रात छत से गिरने से मौत हो गई. जब दीपावली के जश्न में पूरा शहर डुबा हुआ था. वहीं बीती रात मनोहरपुर लाइनपार मीर मुहल्ला में रिटायर्ड हेल्थकर्मी परिन्दर महतो की मौत से मुहल्ले में मातम पसर गया. मृतक के ज्येष्ठ सुपुत्र प्रधान शिक्षक डमरूधर महतो ने बताया कि दीपावली पर्व पर घर के छत में दीप जलाने के लिए गए हुए थे.
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इस दौरान उनका एक पैर फिसल गया. इससे वे 22 फ़ीट ऊंची छत से नीचे गिर गए. उन्हें उपचार के लिए मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. वहां स्थानीय चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद वेहतर इलाज के लिए राउरकेला रेफर कर दिया गया. उन्हें रात में राउरकेला ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. उनकी अंत्येष्टि आज सोमवार दोपहर में मनोहरपुर कोयल नदी समशान घाट में किया जाएगा.
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नोवामुंडी : बीओआई गुवा शाखा के कर्मियों से खाताधारक परेशान
Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) गुवा शाखा के कर्मचारियों के कार्य से खाता धारक परेशान हो रहे हैं. खाता धारकों ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की कार्यशैली तथा खाता धारकों से ठीक ढंग से बात नहीं की जाती है. साथ ही पिछले 5 सालों से बैंक ऑफ़ इंडिया गुवा शाखा में लगाया गया पासबुक अप टू डेट करने की मशीन खराब पड़ा हुआ है. खाता धारकों ने इस संबंध में शाखा प्रबंधक को खराब मशीन को ठीक करवाने के लिए लिखित आवेदन देने के बावजूद आज तक ठीक नहीं हो पाया है.साथ ही यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी खाता धारक बैंक से पैसे निकासी करने जाते हैं तो उसे रकम पूछी जाती है की इतना रुपया की निकासी क्यों कर रहे हैं. बैंक सिर्फ 10 हजार रुपए ही एक खाताधारक को मिलेगा.
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खाता धारक के द्वारा बैंक में पासबुक अपडेट करने के लिए दिया जाता है तो बैंक कर्मचारियों के द्वारा यह कहकर लौटा दिया जाता है कि पासबुक को अपडेट करना है तो यहां पासबुक छोड़कर जानी होगी. और यह कितने दिनों में पर अप टू डेट होगी यह नहीं बता सकते हैं.इन सब बातों को लेकर खाताधारक बैंक कर्मचारियों से काफी निराशा है और परेशान हो रहे हैं. अगर किसी के घर में शादी है और वह अपने पैसों की निकासी करने बैंक जाते हैं तो उन्हें जितनी रकम भरकर दी जाती है उतनी रकम बैंक के द्वारा नहीं देकर मात्र 10 हजार रुपए ही दिया जाता है. इन सब परेशानियों को देखते हुए खाता धारकों ने निर्णय लिया कि बैंक के क्रियाकलापों से संबंधित शिकायत बैंक आफ इंडिया के उच्च अधिकारियों से करने का निर्णय लिया है.
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तांतनगर : बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी, उपायुक्त से शिकायत
Tantnagar (Ganesh Bari) : मंझारी प्रखंड क्षेत्र में बालू खनन माफिया हावी हो गया है. माफिया मंझारी प्रखंड स्थित विभिन्न नदियों से बालू खनन कर चाईबासा, झींकपानी, हाटगघमरिया, कुमारडुंगी क्षेत्र में पहुंचा कर उंची दामों पर बेचा जाता है. माफिया द्वारा बालू खनन में नदी किनारे पेड़ पौधों को काटकर नष्ट कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रही है बल्कि राजस्व को नुकसान हो रही है. वहीं खनन के बाद बालू को ट्रेक्टर के जरिए खेतों से होकर ले जाने से खेत को भी नुकसान हो रही है.
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खेत गढ्ढेनुमा बन गया है. जिससे रैयतों में माफिया के प्रति काफी रोष है. माफिया के दबंगई के सामने रैयतों का एक बात नहीं सुनी जाती है. जिससे रैयतों में रोष है. रैयत महेश बिरूवा ने बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से सोमवार को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने खेतों होकर ट्रेक्टर चलाने मना करने पर माफिया द्वारा धमकी दी जाती है.