Ranchi : रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में एनआईसीयू पिछले छह महीने पहले से बनकर तैयार है. लेकिन इसके संचालन के लिए प्रबंधन के पास पर्याप्त नर्सें नहीं हैं. यही कारण है कि आईसीयू पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद भी अब तक शुरू नहीं हो सका. नतीजन वर्तमान में न्यूरो सर्जरी विभाग में मरीजों की संख्या सबसे अधिक होने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है. मजबूरन गंभीर रोगियों को फर्श में इलाज कराना पड़ता है. अगर आईसीयू चालू कर दिया जाता तो अतिरिक्त मरीज या वैसे मरीज जिनकी स्थिति गंभीर है, उन्हें आईसीयू में भर्ती कर इलाज किया जाता.
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मैन पावर की कमी के कारण नहीं हो सका है शुरू
करीब एक साल पूर्व आईसीयू को दो भाग में बांटते हुए 15-15 बेड अलग किए गए थे. इसमें 15 बेड में आईसीयू पहले ही शुरू कर दी गयी. लेकिन मैनपावर की कमी के कारण दूसरा आईसीयू शुरू नहीं हो सका. मिली जानकारी के अनुसार, न्यूरो सर्जरी के हेड ने कई बार प्रबंधन को पत्र लिखा. जिसके लिए कम से कम 10 नर्स की ड्यूटी नए आईसीयू में लगने की बात कही. जिससे एक शिफ्ट में कम से कम 3 नर्सें मरीजों की देखभाल करतीं.
लेकिन प्रबंधन ने मैनपावर की कमी बताते हुए जल्द 370 पदो में स्थाई नर्सों की बहाली के लिए विज्ञापन निकालने की बात कही. बताते चलें कि पूर्व में भी पिछले तीन साल में चार बार स्थाई नर्सों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकलने के बाद रद्द हो चुकी है. इन सभी प्रक्रियाओं के चक्कर में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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नए ट्रॉमा सेंटर में भी है जगह, लेकिन वहां नहीं हो रहा संचालन
रिम्स के नए ट्रॉमा सेंटर में भी न्यूरो के मरीजों के भर्ती करने के लिए जगह है. यहां ऑर्थो, सर्जरी, न्यूरो और क्रिटिकल केयर के मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं. लेकिन फिलहाल इसका इस्तेमाल कोविड वार्ड के रूप में किया जा रहा है. न्यूरो के एचओडी ने ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज और अधीक्षक से मुलाकात कर न्यूरो के लिए थर्ड फ्लोर खाली कर 30 बेड देने की बात कही है. अगर वहां 30 बेड की सुविधा मिलती है तो मरीजों को फर्श पर इलाज कराने से छुटकारा मिल सकता है.
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